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नीति आयोग की बैठक में रोजगार रहा मुद्दा, पीएम ने मांगे सुझाव

पीएम मोदी ने कहा कि बैठक में विशेषज्ञों ने वृहद अर्थव्यवस्था, कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, विनिर्माण, निर्यात, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और संपर्क पर अपने विचार रखे

Updated On: Jan 11, 2018 10:37 AM IST

FP Staff

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नीति आयोग की बैठक में रोजगार रहा मुद्दा, पीएम ने मांगे सुझाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अर्थशास्त्रियों की बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में रोजगार सृजन, किसानों की आय दोगुनी करने, विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात को गति देने का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा. बैठक में इस पर गहन चर्चा हुई.

बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों, विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था और नीति निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहराई के साथ विचार साझा किए.

कुमार के अनुसार एक विशेषज्ञ की राय थी कि सरकार को केवल रोजगार वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए और कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि रोजगार सृजन के लिए जरूरी है. एक अन्य ने कहा कि 20 प्रतिशत से अधिक शिक्षित युवा बेरोजगार हैं.

कुमार ने कहा कि नीति आयोग जल्दी ही कार्यबल की रिपोर्ट लेकर आएगा. जिसका गठन रोजगार सृजन पर बहुत बड़ी संख्या में उत्पन्न होने वाले आंकड़ों के अध्ययन के लिए गठित किया गया है. उन्होंने कहा कि श्रम ब्यूरो और सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले आंकड़े के विपरीत रोजगार पर बेहतर खबर है.

बजट से ठीक पहले हुई यह बैठक

मोदी ने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर गहन चर्चा की. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चार साल का न्यूनतम स्तर है.

बता दें कि अर्थशास्त्रियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बैठक बजट से कुछ सप्ताह पहले हुई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को एनडीए सरकार का पांचवां और अंतिम पूर्ण बजट पेश करेंगे.

‘आर्थिक नीति: आगे का रास्ता’ विषय पर इस बैठक का आयोजन नीति आयोग ने किया था. बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली और कई अन्य मंत्रियों तथा सरकार के अधिकारियों ने भाग लिया.

बाद में प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि आर्थिक नीति-आगे का रास्ता पर अर्थशास्त्रियों तथा विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चा हुई. बैठक में विशेषज्ञों ने वृहद अर्थव्यवस्था, कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, विनिर्माण, निर्यात, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और संपर्क पर अपने विचार रखे.

किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में हो प्रयास

कुमार के अनुसार विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रयास होने चाहिए. यह अक्सर देखा जाता है कि उत्पादन बढ़ने के साथ कीमत नहीं बढ़ती बल्कि उसमें और कमी आ जाती है.

उनसे जब दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर के बारे में सुझाव के बारे में पूछा गया, कुमार ने बजट से संबंधित सवालों का जवाब देने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मामला बजट से जुड़ा है.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि सभी विशेषज्ञों ने एक मत से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक का समर्थन किया. इसे विचार के लिए संसदीय समिति के पास भेजा गया है. विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद का स्थान लेगा.

बैठक में विशेषज्ञों ने घरेलू विनिर्माण बढ़ाने तथा निर्यात को गति देने पर भी सुझाव दिए. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो चार साल का न्यूनतम स्तर है.

(साभार- न्यूज18)

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