देश भर में गाड़ियों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर पेट्रोल पंपों की किल्लत को जल्द दूर कर लिया जाएगा. बीते रविवार को पेट्रोल पंप डीलरों ने देश के 65,000 क्षेत्रों में नए पेट्रोल पंप की डीलरशिप के लिए आवेदन किया है. जिन इलाकों में डीलरों ने डीलरशिप के लिए आवेदन किया है, वो उन इलाकों के 75-80 प्रतिशत हिस्से को कवर कर लेगी, जहां ऑयल कंपनियां पेट्रोल पंप खोलने की सोच रही हैं.
पेट्रोलियम मंत्रालय 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए नए पंप खोलने की तैयारी कर चुका है. हालांकि इन पंपों के खुलने में 3 साल लग जाएंगे. एक साथ इतने सारे पंप खोलने की योजना के बीच पंप की क्वालिटी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इस पर सरकारी और कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल पंप खोलने को लेकर जितने भी आवेदन आते हैं, वो सभी बनकर तैयार नहीं हो जाते. डीलरशिप को लेकर कई दिक्कतें आती हैं. कभी जमीन, तो कभी कुछ और कारणों से पंप की डीलरशिप किसे देनी है, यह निर्णय लेने में समय लगता है. ऐसे में यह मानकर चलना चाहिए कि विज्ञापित 65,000 पंपों में से 15,000-20,000 पंप ही बनकर तैयार होंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर अनुसार माना जा रहा है कि पेट्रोल पंप के विस्तार से देश में हजारों करोड़ के निवेश और 10 हजार से भी अधिक नौकरियां आएंगी. वहीं नए पंप उपकरण सप्लायर, ट्रांसपोर्टर और टैंकर निर्माताओं के लिए भी व्यवसाय का नया रास्ता खुलेगा, लेकिन मौजूदा डीलर पंप के विस्तार के खिलाफ हैं. उनके अनुसार इसके अधिक आर्थिक फायदे नहीं हैं. इनके अनुसार पेट्रोल पंप खोलने का क्या फायदा है जब सरकार दूसरे ईंधनों को बढ़ावा देने का सोच रही है.
सरकार ने किए थे पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में बदलाव
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश भर में अभी 62,585 पेट्रोल पंप हैं. इनमें 6000 पंप प्राइवेट कंपनियों द्वारा चलाई जा रही हैं. 2017-2018 के बीच देश में पेट्रोल की खपत 5% यानी 205 मिलियन टन बढ़ गया है. बीते 4 वर्षों में सरकारी डीलरों को पंप के विस्तार की इजाजत नहीं थी. सरकार द्वारा पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में कई बदलाव किए गए. केंद्र सरकार ने अपने पुराने नियमों को खत्म करके तेल कंपनियों (इंडियन ऑइल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम) को पेट्रोल पंप की स्थापना के लिए अपने नियम तैयार करने की स्वतंत्रता दी है.
पूर्व नियमों के अनुसार पेट्रोल पंप का आवेदन करने वाले आवेदक के बैंक में 25 लाख रुपए का डिपोजिट होना जरूरी था. वहीं ग्रामीण इलकों में खोलने के लिए 12 लाख रुपए होने की अनिवार्यता थी, लेकिन अब जिस जमीन पर पेट्रोल पंप बनकर तैयार होगा, उसका मालिकाना हक नहीं रखने वाले भी जमीन लीज पर लेकर आवेदन कर सकते हैं.
इसके साथ ही तेल कंपनियों ने इन सारे प्रोसेस को ऑनलाइन कर दिया है. कंपनियां आवेदन के ड्रॉ का आयोजन भी ऑनलाइन करने लगी हैं. ऐसे में ड्रॉ में चुने गए सफल आवेदक को सिक्योरिटी डिपोजिट का 10% जमा करना होगा.
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