1 अक्टूबर से ऑनलाइन शॉपिंग महंगी होने वाली है. ऑनलाइन शॉपिंग के जीएसटी दायरे में आने के बाद इस पर केंद्र सरकार टीडीएस (टैक्स डिडक्टेट एट सोर्स) और टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) टैक्स के प्रावधानों को लागू करने जा रही है.
ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां को 2.5 लाख या उससे ज्यादा के सामान सप्लाई करने वाले सप्लायर्स पर ये टैक्स लगेगा. सेंट्रल जीएसटी एक्ट से हिसाब से 1 परसेंट का टीडीएस लगेगा. स्टेट जीएसटी एक्ट के मुताबिक 1 परसेंट का टीडीएस राज्य सरकार लगाएगी.
टैक्स गुड्स सप्लायर्स पर लगेगा लेकिन वो इसे ग्राहकों से ही वसूलेंगी. इसलिए ऑनलाइन शॉपिंग महंगी हो सकती है.
इस पर ईवाई टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, 'टीसीएस के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां और टीडीएस के लिए विभिन्न पीएसयू / सरकारी कंपनियों को 1 अक्टूबर से इन प्रावधानों का अनुपालन करने के लिए अपने ईआरपी सिस्टम को शुरू करना होगा.
वहीं एएमआरजी एंड एसोसिएट्स पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि सरकार ने 1 अक्टूबर, 2018 को प्रभावी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए सरकारी एजेंसियों और टीसीएस प्रावधानों द्वारा किए गए भुगतानों पर टीडीएस प्रावधानों के संचालन को अधिसूचित किया है.
पिछले साल 1 जुलाई, को ही जीएसटी पूरे देश में शुरू कर दिया गया था. इससे एक दर्जन से भी अधिक लोकल टैक्स कम हो गए थे. हालांकि, रोलआउट के प्रारंभिक महीनों में कारोबार को आसान बनाने के लिए, जीएसटी कानूनों के टीडीएस / टीसीएस प्रावधान 30 जून तक बनाए रखा गया था. बाद में, इसे 30 सितंबर, 2018 तक स्थगित कर दिया गया.
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