देश में पेट्रोल और डीजल कीअब तक की सबसे ज्यादा कीमतों के बीच हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सुराना ने ग्राहकों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार से इन पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे टैक्सों की समीक्षा करने की जरूरत बताई है.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान या सरकार में किसी और के द्वारा पेट्रोल - डीजल की बढ़ती कीमतों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई किसी भी तरह की बैठक की कोई भी जानकारी उन्हें नहीं है.
सुराना ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में लगातार 10 वें दिन बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी बनी हुई है और इनके भारत में मौजूदा डर निर्धारण के तरीकों को देखते हुए इन्हें कम करने का कोई तरीका नहीं दिखता.
मालूम हो कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल और डीजलों की कीमतें स्थिर रही थीं. कर्नाटक चुनाव के बाद पिछले नौ दिनों में इनकी कीमत रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है. दिल्ली में पेट्रोल 76.17 रुपए प्रति लीटर और डीजल 68.34 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है.
बता दें पिछले नौ दिन में पेट्रोल के दाम 2.54 रुपए और डीजल के 2.41 रुपए प्रति लीटर बढ़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमें समय-समय पर ऐसी स्थितियों का सामना करने के तरीकों पर काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियां उत्पादों की बिक्री मात्रा के आधार पर करती हैं. जिससे उनका फायदा बहुत कम होता है. ऐसे में अगर अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो हम चाहकर भी बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेगीं, हमें पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने होंगे.
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