घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ राज्य और केंद्र सरकार टैक्स घटाने के मूड में नहीं है. तो दूसरी तरफ क्रूड की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार को क्रूड का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. नवंबर 2014 के बाद क्रूड अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. OPEC (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) लगातार क्रूड का उत्पादन घटा रहे हैं. दूसरी तरफ अमेरिका लगातार क्रूड के प्राइस घटाने के लिए दबाव बना रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह मांग कर रहे हैं कि OPEC देश क्रूड का प्राइस घटाएं. इसके जवाब में OPEC देशों का कहना है कि डिमांड बढ़ने के बाद ही वह उत्पादन बढ़ाएंगे. नतीजा यह है कि क्रूड का भाव ज्यादा होने की वजह से डिमांड में तेजी नहीं आ रही है. और दूसरी तरफ ओपेक देशों का कहना है कि जब तक डिमांड नहीं बढ़ेगी तब तक वह उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे. OPEC देशों के मेंबर अल्जीरिया, अंगोला, कॉन्गो, इक्विडोर, इक्विटोरियल गिनी, गैबेन, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजेरिया, कतर, सऊदी अरब, दुबई और वेनेजुएला है.
इससे पहले 2014 में क्रूड का भाव पहली 100 डॉलर प्रति बैरल तक गया था. तब अमेरिकी पाबंदियों की वजह से ईरान से कच्चे तेल की सप्लाई बंद हो गई थी. इसका असर क्रूड की कीमतों पर पड़ा. अगस्त 2017 में अपने निचले स्तर तक आने के बाद क्रूड की कीमतों में फिर तेजी आ गई है. नवंबर 2017 में मिडिल ईस्ट देशों से सप्लाई पर रोक लगने के बाद क्रूड के दाम में तेजी आ रही है.
घरेलू बाजार के लिए बुरा दिन
शेयर बाजार के लिए सोमवार की शुरुआत बेहद खराब रही. दिन भर के कारोबार के दौरान बाजार में बिकवाली होती रही. कारोबार के अंत में बीएसई के 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 536 अंक गिर गया. दूसरी तरफ 50 शेयरों वाला निफ्टी 50 करीब 168 अंक गिरकर 10,974 पर आ गया. सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, ऑटो और कंज्यूमर गुड्स के शेयरों में देखने को मिली. फाइनेंस मिनिस्ट्री अरुण जेटली के वादे का भी बाजार पर कोई असर नहीं हुआ. जेटली ने कहा था कि म्यूचुअल फंड्स और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) में नकदी बढ़ाएंगे. लेकिन बाजार पर इसका असर भी नहीं हुआ. निफ्टी 50 के 41 शेयरों में गिरावट रही. हाउसिंग फाइनेंस, आयशर मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी और बजाज फाइनेंस के शेयरों में अच्छी खासी गिरावट रही.
क्रूड की बढ़ती कीमतों का असर ना सिर्फ घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ रहा है बल्कि एविएशन सेक्टर का भी बुरा हाल है. क्रूड के भाव बढ़ने से जेट फ्यूल महंगा हो जाता है. लिहाजा एविएशन कंपनियों के लिए कारोबार करना महंगा हो जाएगा. इसका असर एविएशन सेक्टर की कंपनियों के शेयरों पर साफ नजर आ रहा है. दिन भर के कारोबार के दौरान बीएसई पर स्पाइसजेट के शेयर 4.15 फीसदी गिरकर 73.85 रुपए और इंडिगो के शेयर 6.011 फीसदी टूटकर 851 रुपए पर आ गया है.
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