शांति का नोबेल पुरस्कार पा चुके अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस का मानना है कि भारत में सरकारी बैंकों का निजीकरण सही नहीं होगा. वे इसके लिए कई देशों के प्राइवेट बैंकों का उदाहरण देते हैं जिन्होंने 'बेजोड़ काम' नहीं किया है. भारत में यह बहस तेज है कि सरकारी बैंकों का निजीकरण सही रहेगा या नहीं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया निजीकरण का पक्ष लेते रहे हैं. अभी हाल में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला सामने आने के बाद निजीकरण की मांग तेज हो गई है. 13 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले ने सरकार की कई चिंताएं बढ़ा दी हैं.
बांग्लादेश के माइक्रो फाइनांस में अपना लोहा मनवा चुके युनूस ने यह भी कहा कि बैंकिंग में धोखाधड़ी रोकने के लिए तरीके इजाद किए जाने चाहिए.
यूनूस ने कहा, 'किसी भी चीज में धोखाधड़ी होना बुरा है, बैंकों में धोखाधड़ी अधिक बुरा है, ऐसे में हमें इसे रोकने के तरीके ढूंढने चाहिए... हमारे पास कई देशों में अपने प्राइवेट बैंक हैं. उनका काम बेजोड़ नहीं रहा है.' उन्होंने यह प्रतिक्रिया पीएनबी घोटाले से जुड़े एक सवाल पर दी.
इस केस से जुड़ी 10 मुख्य बातें
16 साल की नाबालिग लड़की से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत आसाराम पर फैसला सुनाने वाली है, ऐसे में जानिए कैसे हुआ था इस पूरे मामले का खुलासा
गंभीर मामलों में आरोपी होने के बावजूद आसाराम के समर्थक उन्हें पाक-साफ मानते हैं और उनकी पूजा तक करते हैं
जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन लोकुर ने सीजेआई को संस्थागत मुद्दों और सुप्रीम कोर्ट के भविष्य को लेकर फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने को कहा
इस सीट से बीजेपी ने गोपाल राव को मैदान में उतारा है लेकिन सिद्धारमैया को असली चुनौती दे रहे हैं कभी उनके इलेक्शन एजेंट रहे जेडीएस के जीटी देवेगौड़ा