घर खरीदने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में बदलाव किया है, जिसके बाद अब बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित करके ग्राहकों से अपना पीछा नहीं छुड़ा सकते हैं. नए अध्यादेश के मुताबिक, अगर बिल्डर दिवालिया होता है तो अब उसकी प्रॉपर्टी में ग्राहकों की भी हिस्सेदारी होगी.
दिल्ली-एनसीआर में ऐसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिसमें हजारों ग्राहकों के पैसे फंसे हुए हैं. बिल्डर की खराब माली हालत की वजह से होम बायर्स को न घर मिल पा रहा है और ना ही पैसा. ऐसे में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड बदलने से बिल्डर्स पर जहां नकेल कसेगी और ग्राहकों की गाढ़ी कमाई भी नहीं डूबेगी.
बिल्डर की प्रॉपर्टी में कितनी मिलेगी हिस्सेदारी?
बैंकरप्सी कोड में बदलाव के लिए गठित कमिटी की सिफारिश थी कि दिवालिया बिल्डर की संपत्ति बेचने पर उसमें होम बायर्स को भी हिस्सेदारी मिले. हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि पजेशन का इंतजार कर रहे ग्राहकों को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी.
कमिटी ने कहा, ग्राहकों को बिल्डर की प्रॉपर्टी में कितनी हिस्सेदारी मिलेगी यह कई पैमानों पर तय किया जाएगा. मसलन, सबसे पहले यह देखा जाएगा कि बिल्डर पर कितना बकाया है. कितने होम बायर्स को पजेशन नहीं मिला है और कितनी देनदारी है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला बैंकों और दूसरे एक्सपर्ट से बातचीत करके लिया जाएगा.
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