नंदन नीलकेणी की इंफोसिस में वापसी हो गई है. विशाल सिक्का के इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफे के बाद कंपनी को स्थायित्व देने के लिए नीलकेणी को कमान दी गई है. नीलेकणी को कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. विशाल सिक्का के बाद आर शेषैया और को-चेयर रवि वेंकटसन ने भी इस्तीफा दे दिया है.
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने आर शेषैया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. शेषैया कंपनी के चेयरमैन और डायरेक्टर थे. उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपने सभी पद छोड़ दिए हैं. विशाल सिक्का के साथ ही जेफरी लीमैन और जॉन एचमेंडी ने भी डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है.
नीलेकणी के नाम पर भरोसा
रिपोर्टस के मुताबिक नंदन नीलकेणी के वापसी की खबरें उस वक्त आनी शुरू हुई जब नारायणमूर्ति ने निवेशकों से मिलने का अपना तय कार्यक्रम कैंसिल कर दिया. बुधवार शाम 6.30 बजे होने वाली नारायणमूर्ति की इंवेस्टर के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर कैंसिल कर दिया गया. अब ये कॉन्फ्रेंस कॉल 29 अगस्त को होगी.
पिछले हफ्ते विशाल सिक्का के सीईओ पद से इस्तीफा देने के बाद एक निवेश सलाहकार कंपनी ने नंदन नीलकेणी को कंपनी के निदेशक मंडल में गैर कार्यकारी चेयरमैन के रूप में वापस लाए जाने की सलाह दी थी.
नंदन नीलकेणी साल 2002 से 2007 तक इंफोसिस के सीईओ रह चुके हैं. नीलकेणी उन सात चर्चित संस्थापकों में से एक हैं जिन्होंने 80 के शुरुआती दशक में आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना की थी. साल 2009 में वो भारत सरकार के महत्वकांक्षी यूआईडीएआई के चेयरमैन बने थे. नीलकेणी के कार्यकाल में इंफोसिस की रेवेन्यू ग्रोथ 42 फीसदी और मार्जिन में 28 फीसदी की सालाना ग्रोथ देखने को मिली थी.
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