भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के पिछली बैठक के मिनिट्स जारी हो गए है. बैठक में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और गिरते रुपए के मद्देनजर महंगाई के खतरे पर चिंता व्यक्त की गई. बता दें कि एमपीसी के छह में से पांच सदस्यों ने दरों को 6.50 प्रतिशत पर रखने पर वोट दिया.
इस दौरान आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, 'महंगाई के लगातार खतरे को मानते हुए और लंबे समय तक 4 प्रतिशत की महंगाई दर लक्ष्य को हासिल करने के लिए, मौद्रिक नीति को ‘न्यूट्रल’ से ‘कैलिब्रेटेड टाइटनिंग’ की ओर मोड़ने की जरूरत है. कैलिब्रेटेड टाइटनिंग का अर्थ है कि वर्तमान रेट साइकिल में, रेपो रेट में कटौती नहीं होगी और हम हर नीतिगत बैठक में दरें बढ़ाने को बाध्य नहीं है.'
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के अनुसार, तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना से दरों में कटौती नहीं की जाएगी. आचार्य ने कहा, 'इन सभी कारकों और मौद्रिक नीति समिति को मिले महंगाई दर के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, ऐसा महत्वपूर्ण है कि सावधानी पूर्वक सही समय पर आगे बढ़ा जाए. ताकि लगातार पिछले दो बार से बढ़ रही दरों के चलते अर्थव्यवस्था को एडजस्ट करने का समय मिले.'
एमपीसी सदस्य चेतन घाटे ने कहा, 'नीतिगत दरों में पिछली दो बार से हुई बढ़ोतरी के बावजूद, अगस्त से अब तक का डेटा दिखाता है कि महंगाई को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखना हमारे लिए मुश्किल होता जा रहा है.'
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