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जेपी समूह ने सुप्रीम कोर्ट में 150 करोड़ रुपए जमा किए

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को रजिस्ट्री में 125 करोड़ रुपए जमा कराने के लिए निर्धारित समय सीमा अगले साल 25 जनवरी तक बढ़ा दी

Updated On: Dec 15, 2017 06:27 PM IST

Bhasha

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जेपी समूह ने सुप्रीम कोर्ट में 150 करोड़ रुपए जमा किए

रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट लि. ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन करते हुए गुरुवार को न्यायालय रजिस्ट्री में 150 करोड़ रुपए जमा कराए. अदालत ने घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कंपनी को निर्देश दिया था.

कंपनी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ के समक्ष एक याचिका भी दायर की और शेष 125 करोड़ रुपए की राशि जमा कराने के लिए दी गयी समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया. राशि जमा कराने की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त होगी. इसे याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को कंपनी द्वारा शेष 125 करोड़ रुपए की राशि जमा करवाने की समय सीमा 25 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी है.

न्यायालय ने 22 दिसंबर को कंपनी द्वारा सौंपा गया 275 करोड़ रुपए का डिमांड ड्राफ्ट स्वीकार किया था और उसे 14 दिसंबर तक 150 करोड़ रुपए और 31 दिसंबर तक 125 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया था.

न्यायालय ने कंपनी के 13 निदेशकों को अपनी निजी संपत्ति बेचने से भी रोक दिया था.

जेपी समूह को कोर्ट ने दिया वक्त

इस बीच कोर्ट ने परेशान मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के इरादे से जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को रजिस्ट्री में 125 करोड़ रुपए जमा कराने के लिए निर्धारित समय सीमा अगले साल 25 जनवरी तक शुक्रवार को बढ़ा दी.

जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड अभी तक शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में 425 करोड़ रुपए जमा करा चुकी है और उसे 31 दिसंबर तक 125 करोड़ रुपए और जमा कराने थे. यह कंपनी इसके लिये दो महीने का समय चाहती थी.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के वक्तव्य पर विचार करने के बाद इस फर्म को 25 जनवरी तक का समय दे दिया.

न्यायालय इस मामले में अब एक फरवरी को आगे सुनवाई करेगा.

जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के निदेशकों ने अदालत में हलफनामे दाखिल कर अपनी निजी संपत्तियों का विवरण दिया था और अब उन्हें 10 जनवरी को शीर्ष अदालत में पुन: पेश होना है.

अदालत ने 13 जनवरी को पूर्वानुमति के बगैर जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और निदेशकों की विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी थी. अदालत ने जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड को अपना सारा रिकार्ड अंतरिम रिजोल्यूशन प्रफेशनल को सौंपने का आदेश दिया था ताकि वह 32,000 से अधिक मकान खरीदारों और देनदारों के हितों की रक्षा के संकेत देते हुये एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करें.

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