अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए तीन सुधारों पर ध्यान देने का सुझाव दिया है. आईएमएफ ने कहा कि भारत को अपनी वृद्धि में जारी तेजी को बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, राजकोषीय मजबूती, जीएसटी को सरल बनाने और प्रमुख बाजारों के सुधारों में नए सिरे से तेजी लाने जैसे मोर्चे पर काम करना चाहिए.
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2017-18 की चौथी तिमाही में बढ़कर 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इससे पिछले तिमाही में यह 7 प्रतिशत थी. आईएमएफ के कम्युनिकेशन डायरेक्टर और प्रवक्ता गैरी राइस ने संवाददाताओं से कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में 2018-19 में सुधार जारी रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत और अगले चलकर 2019-20 में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
राइस ने आर्थिक वृद्धि दर में तेजी को बनाए रखने के लिए भारत को कुछ उपायों पर काम करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि पहले चरण में, भारत को बैंकों और कंपनियों की बैलेंस शीट को साफ-सुथरा करने के काम में तेजी लानी चाहिए ताकि बैंकों की ऋण देने की क्षमता को फिर से पूर्वस्तर पर लाया जा सके और ऋण प्रावधानों को अधिक दक्ष बनाया जा सके.
दूसरे चरण में, राजकोषीय मजबूती में सुधार को जारी रखने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की संरचना को और सरल तथा व्यवस्थित करने का सुझाव दिया है.
वहीं, तीसरे चरण में मध्यम अवधि के दौरान श्रम और रीयल्टी जैसे प्रमुख बाजारों के सुधारों में नए सिरे से तेजी लाने का सुझाव दिया है. यह कारोबारी माहौल और प्रतिस्पर्धा में सुधार करने के लिए बहुत जरूरी है. यह भारत की वृद्धि दर को ऊंचा बनाए रखने में मदद करेगा.
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