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इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान: इंडिया रेटिंग

रेटिंग एजेंसी ने अपनी ‘वित्तवर्ष 2018-19 के लिए मध्यावधि परिदृश्य‘ रपट में कहा कि बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद, रुपए में गिरावट और एनपीए में कमी आने के फिलहाल मजबूत संकेत नहीं दिख रहे हैं

Updated On: Aug 16, 2018 09:06 PM IST

Bhasha

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इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान: इंडिया रेटिंग

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 2018-19 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के अपने अनुमान को संशोधित किया है. एजेंसी के अनुसार इस वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान है. जबकि इससे पहले एजेंसी ने इसके 7.4% रहने का अनुमान जताया था.

एजेंसी ने इसकी प्रमुख वजह 2018-19 में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) में बढ़ोत्तरी की संभावना होना बताया है. इसके अलावा सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर फसल लागत के डेढ गुणा किए जाने का भी असर भी पड़ेगा.

रेटिंग एजेंसी ने अपनी ‘वित्तवर्ष 2018-19 के लिए मध्यावधि परिदृश्य‘ रपट में कहा कि बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद, रुपए में गिरावट और गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में कमी आने के फिलहाल मजबूत संकेत नहीं दिख रहे हैं.

एजेंसी ने कहा कि इसी के चलते उसका अनुमान है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर इस दौरान 7.2% ही रहेगी. एजेंसी ने कहा है कि 2018-19 में निजी अंतिम उपभोग व्यय 7.6 प्रतिाश्त बढ़ेगा जो कि 2017-18 में 6.6 प्रतिशत बढ़ा था.

रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि केवल सरकारी खर्च अकेले पूंजी व्यय चक्र को बढ़ाने के लिए काफी नहीं है. 2012-2017 से के दौरान अर्थव्यवस्था के कुल पूंजीव्यय में उसका हिस्सा केवल 11.1 प्रतिशत ही है.

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