वित्त मंत्रालय ने सरकारी विभागों के कार्यक्रम पर होने वाले खर्च की लिमिट तय करते हुए एक ज्ञापन जारी किया है. अब विभागों और स्वायत्त निकायों को 40 लाख रुपए से ज्यादा खर्च वाले सेमिनार, सम्मेलन और कार्यशाला आयोजित करने के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी. व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार 40 लाख रुपए से कम के खर्च वाले सभी प्रस्तावों पर संबंधित मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार से मंजूरी लेनी होगी.
विभाग के ज्ञापन के अनुसार, 'यह निर्णय किया गया है कि जिस अंतरराष्ट्रीय और घरेलू सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशाला आदि में खर्च 40 लाख रुपए से अधिक बैठता है. उसकी मंजूरी व्यय विभाग से लेना अनिवार्य होगा.' इसमें यह भी कहा गया है कि विभागों को यात्रा और रहने के दौरान मितव्ययिता बरतनी चाहिए यानी कम से कम खर्च करना चाहिए.
इसी के साथ ज्ञापन में विदेशों में भी कम से कम खर्चे की बात कही गई है. ज्ञापन के मुताबिक व्यापार को बढ़ावा देने वाले और 'ब्रांड इंडिया' की परियोजना को छोड़कर विदेशों में प्रदर्शनी, मेले, सेमिनार, सम्मेलन और कायर्शालाओं के आयोजन से जितना हो सके बचना चाहिए.
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