निजी क्षेत्र के आईडीएफसी बैंक ने अपना नाम बदलकर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक कर लिया है. साथ ही यह तुरंत रूप से प्रभावी भी हो गया है.
शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक ने बताया, 'बैंक ने आईडीएफसी बैंक लिमिटेड का नाम बदलकर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड किया है. यह 12 जनवरी 2019 से प्रभावी हो गया है. कंपनी रजिस्ट्रार चेन्नई से नाम बदलने का प्रमाणपत्र भी मिल चुका है.'
दरअसल, आईडीएफसी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कैपिटल फर्स्ट ने 18 दिसंबर 2018 को अपना विलय पूरा होने की घोषणा की थी. विलय के बाद आईडीएफसी बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल ने कैपिटल फर्स्ट लिमिटेड के चेयरमैन और संस्थापक वी वैद्यनाथन को नई कंपनी का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने की अनुमति दी थी. विलय के बाद नया बैंक 203 शाखाओं के साथ 72 लाख ग्राहकों को अपनी सेवाएं देगा. नए बैंक के पास 129 एटीएम और 454 ग्रामीण व्यावसायिक प्रतिनिधि केंद्र हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो इस विलय से आईडीएफसी को लाभ होने की संभावनाएं है. वह अपनी संपत्ति में तेजी से इजाफा कर सकेगा. ग्रामीण इलाकों में बैंक की काफी शाखाएं हैं. साथ ही ग्राहक की संख्या भी काफी है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बैंक तेजी से अपने कारोबार का विस्तार करेगा.
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