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ICICI-वीडियोकॉन लोन मामला: RBI को लेन-देन के नहीं मिले थे सबूत

रिजर्व बैंक ने कहा, 2016 के मध्य में उसने इसकी विस्तार से जांच की जिसमें उसे परस्पर लेन-देन या लाभ पहुंचाने का कोई मामला नहीं दिखा

Updated On: Apr 15, 2018 04:28 PM IST

Bhasha

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ICICI-वीडियोकॉन लोन मामला: RBI को लेन-देन के नहीं मिले थे सबूत

रिजर्व बैंक ने वीडियोकॉन समूह को आईसीआईसीआई बैंक से हासिल हुए लोन को लेकर उठाए गए औचित्य के प्रश्नों की विस्तार से जांच की थी पर उस समय उसे परस्पर लेन-देन या लाभ पहुंचाने का कोई मामला नहीं दिखा.

आरबीआई के दस्तावेजों के अनुसार उसने यह जांच 2016 के मध्य में की थी. उसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अपने पास आई कुछ शिकायतें अग्रसारित की थीं. इनमें आरोप लगाया गया था कि वीडियोकॉन समूह ने आईसीआईसीआई बैंक को बड़ा कर्ज दे रखा है और आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यपालक (सीईओ) और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर वीडियोकॉन के साथ मिल कर चांदी काट रहे हैं.

दस्तावेजों और मामले को सीधे जानने वाले सूत्रों के अनुसार रिजर्व बैंक ने इस मामले में जुलाई 2016 के मध्य में अपनी पहली टिप्पणी में कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक ने कुछ बैंकों के एक समूह के साथ मिलकर एक लोन  योजना के तहत वीडियोकॉन समूह को 1,730 करोड़ रुपए का लोन दिया था.

रिजर्व बैंक ने इसी में आगे यह भी कहा कि उसे इस मामले में हितों के द्वंद्व या टकाराव का कोई मामला नहीं दिखा. पर रिजर्व बैंक ने यह टिप्पणी जरूर की थी कि दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर को मिले धन के कुछ स्रोतों को लेकर वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है.

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भारतीय रिजर्व बैंक

धन के स्रोतों की जानकारी का पता जांच एजेंसियां लगा सकती है  

रिजर्व बैंक ने कहा था कि न्यूपावर के सौदौं की वैधता की पुष्टि के लिए उसे मिले धन के स्रोतों की जानकारी जरूरी है और यह काम जांच एजेंसियां ही कर सकती हैं.

बाद में उसी साल दिसंबर में आरबीआई ने वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 2007-12 के दौर मिले लोन के बदले लेनदेन के आरोपों पर विस्तार से टिप्पणी में कहा था कि यह बैंक वीडियोकॉन समूह के नाम 20,195 करोड़ रुपए के लोन के एक समेकन कार्यक्रम में शामिल था. उसमें इस बैंक का हिस्सा 1,750 करोड़ रुपए का था. इस कार्यक्रम में कई बैंक शामिल थे और बैंकों के इस समूह का नेतृत्व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) कर रहा था.

रिजर्व बैंक ने कहा था कि चूंकि इस लोन कार्यक्रम में अन्य बैंकों की तरह ही आईसीआईसीआई बैंक भी हिस्सा ले रहा था इसलिए ‘लेन देन’ के आरोप की पुष्टि नहीं की जा सकती.

रिजर्व बैंक ने कहा था कि न्यूपावर रीन्यूएबल्स लिमिटेड के स्वामित्व के हस्तांतरण का विषय इस बैंक के अधिकार क्षेत्र से बाहर का था. यह कंपनी दीपक कोचर ने वीडियोकान के प्रवर्तक धूत परिवार के साथ मिल कर दिसंबर 2008 में बनायी थी.

रिजर्व बैंक ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि ऐसे हस्तांतरण की जांच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) या कंपनी मामलों का मंत्रालय करा सकता है.

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