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इंजीनियर, बैंक मैनेजर और हनी ट्रैप: 4 लोगों ने देश को कैसे लगाया चूना

क्या हमारा बैंकिंग सिस्टम इतना कमजोर है कि 4 लोग मिलकर हजारों करोड़ का फर्जीवाड़ा कर लें

Updated On: Feb 18, 2018 05:22 PM IST

FP Staff

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इंजीनियर, बैंक मैनेजर और हनी ट्रैप: 4 लोगों ने देश को कैसे लगाया चूना

नीरव मोदी देश के बैंकों से फर्जी तरीके से कई हज़ार करोड़ निकाल कर 'निकल गए'. इसके बाद सरकारों के समर्थन और विरोध की दलीलें चल रही हैं. सोशल मीडिया पर प्रलाप छोड़ दीजिए. समझिए कि कैसे 4 लोगों ने मिलकर देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक से इतने पैसे निकाल लिए.

नीरव मोदी के किए इस फर्जीवाड़े में खुद उसके अलावा 4 लोग शामिल थे. तीन बैंक कर्मचारी और उसकी पत्नी. सबके अपने-अपने रोल थे. जानिए इस टीम ने कैसे सब 'मैनेज' किया

गोकुलनाथ शेट्टी

गोकुलनाथ शेट्टी

गोकुलनाथ शेट्टी

गोकुलनाथ शेट्टी मुंबई का रहने वाला डिप्टी मैनेजर है. शेट्टी इस पूरे फर्जीवाड़े की सबसे अहम कड़ी है. शेट्टी पंजाब नेशनल बैंक की फोर्ट ब्रैडी हाउस ब्रांच में मार्च 2010 से पोस्टेड था. मई 2017 में शेट्टी रिटायर हो गया. रिटायरमेंट से पहले उसने कई एलओयू जारी किए. ये लेटर फर्जी तरीके से जारी किए गए थे. इन लेटर्स को दिखाकर विदेश से पेमेंट ले लिए गए. 2018 जनवरी में 281 करोड़ के लेटर मैच्योर हुए. इस समय शेट्टी रिटायर हो चुका था. जिसके चलते पूरा मामला सामने आ गया.

वैसे आम तौर पर बैंक में किसी एक पद पर कोई भी तीन साल से ज्यादा नहीं रह सकता है. तीन साल या उसके अंदर ही या तो उसका ट्रांसफर हो जाता है, या फिर उसका विभाग बदल दिया जाता है. लेकिन गोकुल नाथ शेट्टी इसका अपवाद कैसे बना, सवाल उठना लाज़मी है. शेट्टी स्विफ्ट सिस्टम (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication)  का एक्सपर्ट है. इसी के जरिए ये एलओयू जारी होते हैं. संभव है कि अपने काम में माहिर होने के कारण उसका तबादला न किया गया हो. जिसके चलते उसे एक पैरलल सिस्टम बनाने का मौका मिल गया. इसके अलावा उसकी कुछ और लोगों से सांठ-गांठ भी हो सकती है.

मनोज खरात

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गिरफ्तार तीनों अधिकारी

बीई की डिग्री वाला इंजीनियर मनोज तीन साल पहले आईबीपीएस के जरिए बैंक में क्लर्क बना. शेट्टी के काम के लिए मनोज ने बैंक के खातों में हेर-फेर किया. शेट्टी के 'फर्जीवाड़े' की बैंक के सिस्टम में एंट्री करने का काम मनोज खरात ने ही किया. मनोज के घरवालों का कहना है कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है, क्योंकि वो 25,000 रुपए से ज्यादा के मामले में खुद डील नहीं कर सकता था. वो सिर्फ ऊपर के अधिकारियों की बातों को मान रहा था.

हेमंत भट्ट

हेमंत, नीरव मोदी की 16 कंपनियों में से एक में डायरेक्टर है. इसका काम कंपनियों और बैंक के बीच डील करना था. भट्ट ने ही बैंक अधिकारियों के साथ को-ऑर्डिनेट करके एलओयू जारी करवाए और उनको कैश करवाया.

एमी मोदी

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एमी मोदी, दाईं तरफ

एमी नीरव की पत्नी है. तमाम खबरों के मुताबिक इसका काम बैंक अधिकारियों को हनी ट्रैप में फांसना था. मामले से जुड़े कुछ सूत्र बताते हैं कि एमी के बॉलीवुड कनेक्शन हैं. इसी के जरिए मॉडल्स के साथ मिलकर बैंक अधिकारियों को देह के आकर्षण में फांसा जाता था. नीरव की पत्नी अमेरिकी नागरिक है. एमी के सोशल स्टेटस का पता कई चीज़ों से चलता है. उसके न्यूयॉर्क स्टोर की ओपनिंग में 2015 में डोनाल्ड ट्रंप पहुंचे थे. इसके अलावा एमी के 40वें जन्मदिन पर जोधपुर में आलीशान पार्टी हुई थी. इस पार्टी में मेहमानों का स्वागत खुद महाराजा गज सिंह कर रहे थे.

नीरव और एमी जहां देश के बाहर हैं. बाकी तीन अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि हर एक एलओयू के बदले में कुछ प्रतिशत कमीशन दिया जाता था. ये तीनों मिलकर उसे बराबर बांट लेते थे. इस फर्जीवाड़े में 63 दिनों में 143 एलओयू गलत तरीके से जारी कर दिए गए थे.

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