रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए आए नए कानून 'रेरा' और 'जीएसटी' जैसे सुधारों के चलते दिल्ली-एनसीआर में आवास बिक्री सात साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. यही नहीं आवास की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है. संपत्ति के मामलों में परामर्श देने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक ने यह जानकारी दी.
इसके मुताबिक, 2017 में आवास बिक्री 6 प्रतिशत गिरकर 37,563 इकाई पर आ गई, यह 2010 के बाद से सबसे निचला स्तर है. जबकि कीमतों में 2 प्रतिशत की गिरावट रही.
दिल्ली-एनसीआर में 2017 में नई आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत 56 प्रतिशत गिरकर कुल 11,726 इकाई रही, इसके परिणामस्वरूप नहीं बिके घरों की संख्या 13 प्रतिशत गिरकर 1,66,831 इकाई रही.
नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (उत्तर) मुदास्सिर जैदी ने कहा कि 2017, एनसीआर आवासीय बाजार के लिए कुछ खास नहीं रहा क्योंकि जीएसटी और रेरा जैसे नीतिगत सुधारों की वजह से नई परियोजना की शुरुआत और बिक्री दोनों में गिरावट रही. बता दें कि रेरा मई 2017 से प्रभावी है जबकि जीएसटी जुलाई में लागू हुआ है.
नहीं बिके मकानों को बेचने में लगेगा चार साल का समय
उन्होंने कहा कि बिक्री और नए परियोजनाओं में गिरावट के कारण दिल्ली-एनसीआर में नहीं बिका स्टॉक (तैयार खड़े मकान) नीचे आ गया है. इस स्टॉक को खाली करने में चार साल का समय और लगेगा. जैदी ने कहा कि 2017 में औसत बीएसपी में 2 प्रतिशत की गिरावट रही.
वहीं, दूसरी ओर अध्ययन में पता चला है कि आठ मेट्रो शहरों में नई परियोजना की शुरुआत में 78 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 1,03,570 इकाई रही. 2010 में जब रियल्टी क्षेत्र अपने उफान पर था तो उस समय यह आंकड़ा 4,80,424 इकाई था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ मेट्रो क्षेत्रों मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद में 2017 की दूसरी तिमाही में नई परियोजना की शुरुआत कुल 40,832 इकाई रही जबकि 2016 में इस अवधि में यह 68,702 इकाई था. इसमें 41 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. सबसे ज्यादा गिरावट हैदराबाद में देखने को मिली.
2017 की दूसरी छमाही में बिक्री मामूली रूप से गिरकर 2016 में 1,09,159 इकाई से 1,07,316 इकाई पर आ गई. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन शिशिर बैजल ने रिपोर्ट में कहा कि 2017 के अंत तक आवासीय क्षेत्र में एक दशक से कम समय में गिरावट देखा गया.
दुनिया की तीन सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में एक हैरी पॉटर है. हैरी पॉटर पर बैन की भी सबसे ज्यादा मांग की गई है
मुस्लिम ड्राइवर होने पर ओला की राइड कैंसल करने वाले अभिषेक मिश्रा का ट्विटर हैंडल वेरिफाइड है और उन्हें कई केंद्रीय मंत्री ट्विटर पर फॉलो भी करते हैं.
चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे इस समूह ने अपने राजनीतिक संगठन का नाम ‘बहुजन आजाद पार्टी’ (बीएपी) रखा है
बीजेपी अध्यक्ष ने महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को कहा, हमें सिर्फ 5, 10, या 15 वर्षों तक चुनाव जीतन को लेकर खुद को सीमित नहीं करना है, बल्कि अगले 50 वर्षों में होने वाले पंचायत से लेकर संसद तक के हर चुनाव को जीतने का लक्ष्य बनाना होगा
कंपनियां ऐसे नियम बना रही हैं जहां किसी व्यक्ति की राय को कंपनी की राय मानते हुए उसके सोशल मीडिया पर रोक लगाई जा सकती है