लॉन्ग टर्म में टैक्स मुक्त वस्तुओं की श्रेणी को छोड़ कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में टैक्स स्लैब घटकर तीन पर आ सकते हैं. वित्त मंत्रालय में प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने शनिवार को यह राय व्यक्त की.
भारत चैंबर आफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक परिचर्चा सत्र को संबोधित करते हुए सान्याल ने कहा कि ये तीन स्लैब पांच प्रतिशत, 15 प्रतिशत (12 और 18 प्रतिशत को मिलाकर) तथा 25 प्रतिशत के रूप में हो सकते हैं. फिलहाल जीएसटी में चार स्लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के हैं. इसके अलावा एक मुक्त श्रेणी है जिसमें शामिल वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगता.
सान्याल ने कहा कि लॉन्गटर्म में जीएसटी दरों को घटाया जा सकता है, क्योंकि जीएसटी को और सरल बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जयादातर उत्पाद 15 प्रतिशत के कर स्लैब में आ सकते हैं.
इससे पहले इसी सप्ताह बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा था कि भविष्य में टैक्स स्लैब की संख्या घट सकती है. मोदी जीएसटी पर उच्च मंत्रिस्तरीय समिति के प्रमुख भी हैं. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सान्याल ने कहा कि जीएसटी के बाद सरकार कानूनी और प्रशासनिक सुधारों की योजना बना रही है.
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