बिटकॉइन में निवेश करनेवालों या निवेश कर चुके भारतीयों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. पिछले 17 महीनों में बिटकॉइन में 350 करोड़ का लेन-देन हुआ है. सरकार इसके बाद बिटकॉइन में निवेश करने वालों के खिलाफ कार्यवाई करेगी.
बाकी दुनिया में सरकारें अभी तय नहीं कर पाई हैं कि बिटकॉइन को क्या मान्यता दी जाए, इसके लिए क्या नियम बनाए जाए. मोदी सरकार इसकी रोकथाम फिलहाल के लिए तय कर चुकी है. इसके पीछे लोगों के जल्दी पैसा कमाने के चलते धोखा खाने और काला धन जमा करना बड़ी वजह है.
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, टेक-सेवी लोग, रियल स्टेट के महारथी और सर्राफा व्यापारी इसमें सबसे ज्यादा पैसा लगा रहे हैं. सरकार ईमानदारी से कमाई कर बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों पर भी नकेल कसेगी. क्योंकि सरकार का मानना है ऐसे लोगों के चलते काले धन वाले लोग भी फले-फूलेंगे. इसके चलते बिटकॉइन खरीदने-बेचने वालों को नोटिस भेजे गए हैं. साथ ही साथ स्टेट बैंक, एक्सिस और एचडीएफसी बैंक जैसे कई बैंकों ने कुछ बैंक अकाउंट सस्पेंड कर दिए हैं. शक है कि इन अकाउंट्स का इस्तेमाल बिटकॉइन के लेन-देन में हो रहा था. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि ईमानदारी से कमाए गए पैसे को बिटकॉइन में निवेश करने से कैसे रोका जाएगा.
बिटकॉइन के जरिए सबसे बड़ा शक काले धन का लेन-देन का है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर कई ऐसे ब्रांड शुरू हो गए हैं, जो ब्लॉकचेन की तरह सुरक्षित नहीं हैं और जिनमें निवेशकों का पैसा डूब जाता है.
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