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इन 4 वजहों से मिला है जियो इंस्टीट्यूट को 'इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस' का तमगा

इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस में चुने गए प्राइवेट संस्थानों को ज्यादा स्वायत्ता दी जाएगी लेकिन उन्हें किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी

Updated On: Jul 10, 2018 03:57 PM IST

FP Staff

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इन 4 वजहों से मिला है जियो इंस्टीट्यूट को 'इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस' का तमगा

यूजीसी ने 3 सरकारी और 3 प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को को चुना और उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस का तमगा दिया. इस लिस्ट में सरकारी शिक्षण संस्थानों में आईआईटी- बंबई, आईआईटी- दिल्ली और आईआईएससी बंगलौर शामिल हैं और प्राइवेट संस्थानों में जियो इंस्टीट्यूट, बिट्स पिलानी और मनिपाल यूनिवर्सिटी को शामिल किया गया है.

यूजीसी ने इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस के लिए 20 संस्थानों को खोजने के लिए एक समिति बनाई थी, जिन्हें आर्थिक सहायता (यह सहायता सिर्फ सरकारी संस्थानों को मिलेगी) और स्वायत्ता देकर विश्वस्तरीय संस्थान के रूप में विकसित किया जा सके. यह इसलिए किया गया ताकि एक दशक के भीतर ये संस्थान विश्व के सर्वश्रेष्ठ 500 संस्थानों में शामिल हो जाएं. इसमें चुने गए सरकारी शिक्षण संस्थानों को अगले 5 सालों तक 1000 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी.

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने ट्विटर पर लिखा कि इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.

सरकार ने इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस को तय करने के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों से ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड कैटेगरी में आवेदन मांगे थे. सरकार ने इसके लिए एन गोपालस्वामी की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई थी, जिसमें प्रो. तरुण खन्ना, प्रो. प्रीतम सिंह और रेणु खाटोरे भी थे. इन्होंने सभी आवेदनों की जांच की.

 प्राइवेट संस्थानों को  नहीं मिलेगा कोई फंड

सरकारी कैटेगरी में आईआईटी- बंबई, आईआईटी- दिल्ली और आईआईएससी बंगलौर को इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस के लिए चुना गया. इन संस्थानों को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए ज्यादा स्वायत्ता और फंड दी जाएगी. प्राइवेट कैटेगरी में बिट्स पिलानी और मनिपाल यूनिवर्सिटी को इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस के लिए ब्राउनफील्ड कैटेगरी में चुना गया और जियो इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस के लिए ग्रीनफील्ड कैटेगरी में चुना गया. प्राइवेट संस्थानों को ज्यादा स्वायत्ता दी जाएगी लेकिन उन्हें किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी.

यूजीसी की समिति ने ग्रीनफील्ड कैटेगरी के लिए आए आवेदनों की निम्नलिखित 4 मापदंडों के आधार पर जांच की-

1. संस्थान बनाने के लिए भूमि की उपलब्धता 2. बहुत उच्च योग्यता और व्यापक अनुभव के साथ एक कोर टीम का होना 3. संस्थान बनाने के लिए आवश्यक फंड की उपलब्धता 4. स्पष्ट रणनीतिक योजना के साथ साफ सालाना लक्ष्य और कार्य योजना का होना

इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस के लिए समिति को ग्रीनफील्ड कैटेगरी में 11 आवेदन प्राप्त हुए थे. इन 11 आवेदनों में सिर्फ जियो इंस्टीट्यूट ही ऊपर बताए गए चारों मापदंडों पर खरा उतरा.

हालांकि रिलायंस के प्रस्तावित जियो इंस्टीट्यूट को केंद्र सरकार द्वारा देश के छह प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची में शामिल किए जाने पर विपक्षी दलों केंद्र सरकार को निशाना बना रहे हैं.

(डिसक्लेमर: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड इंडिपेंडेंड मीडिया ट्रस्ट का एकमात्र लाभार्थी है जो नेटवर्क 18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड को नियंत्रित करता है जो फ़र्स्टपोस्ट प्रकाशित करता है)

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