live
S M L

एमेजॉन-वॉलमार्ट को 50 बिलियन डॉलर का नुकसान, अमेरिकी बाजार में गिरे शेयर

एमेजॉन का शेयर बीते शुक्रवार को 5.38 फीसदी गिरकर 1626.23 डॉलर पर आ गया था, इससे कंपनी को करीब 45.22 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है

Updated On: Feb 02, 2019 04:47 PM IST

FP Staff

0
एमेजॉन-वॉलमार्ट को 50 बिलियन डॉलर का नुकसान, अमेरिकी बाजार में गिरे शेयर

भारत में सरकार द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नई एफडीआई नीति को लागू करने से अमेरिकी कंपनियों जैसे वॉलमार्ट और एमेजॉन को बड़ा झटका लगा है. दोनों कंपनियों के शेयरों में बीते शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इससे दोनों कंपनियों का मार्केट कैप भी काफी गिर गया है. एमेजॉन का शेयर बीते शुक्रवार को 5.38 फीसदी गिरकर 1626.23 डॉलर पर आ गया था. इससे कंपनी को करीब 45.22 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है.

वॉलमार्ट का शेयर 2.06 फीसदी गिरकर 93.86 डॉलर पर आ गया

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर वॉलमार्ट का शेयर 2.06 फीसदी गिरकर 93.86 डॉलर पर आ गया है. इससे कंपनी को 5.7 बिलियन डॉलर का नुकसान हो गया है. अमेरिकी शेयर बाजार के बंद होते वक्त एमेजॉन की मार्केट कैप 795.18 बिलियन डॉलर और वॉलमार्ट की 272.69 बिलियन डॉलर पर रह गई. फिलहाल इस नुकसान से फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसी कंपनियां अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अप्रत्याशित छूट और कैशबैक की लुभावनी पेशकश नहीं दे सकेंगी. बता दें कि देश के खुदरा कारोबारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद सरकार ने यह नियम लागू किया है.

थोक कंपनियों से 25 फीसदी से अधिक माल नहीं खरीदा जा सकेगा

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिसंबर में जारी नियमों में बेहद सफाई से छूट और कैशबैक के खेल पर लगाम कसी गई है. आर्थिक विशेषज्ञ रामानुज के मुताबिक, अब ई-कॉमर्स कंपनियों की जिन चुनिंदा विक्रेताओं के साथ हिस्सेदारी होगी, उनका सामान अपने प्लेटफॉर्म पर वह नहीं बेच पाएंगी. सीधे तौर पर ई-कॉमर्स कंपनियां जब तक ऐसी हिस्सेदारी खत्म नहीं करती हैं, तब तक वह सामान बेचने की हकदार नहीं होंगी. उन्होंने कहा कि पूर्ण स्वामित्व वाली थोक कंपनियों से 25 फीसदी से अधिक माल नहीं खरीदा जा सकेगा जबकि शेष 75 फीसदी माल विक्रेताओं को दूसरी कंपनियों से खरीदना होगा. इससे लागत बढ़ेगी और बड़ी छूट का खेल बंद हो जाएगा.

भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र में साल 2023 तक 10 लाख नौकरियां आएंगी

विशेषज्ञ यह मानते हैं कि इन नियमों से खुदरा और देसी ई-कॉमर्स कंपनियों को लाभ होगा लेकिन तेजी से बढ़ रहे इस क्षेत्र की गति कम हो जाएगी. भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र में साल 2023 तक 10 लाख नौकरियां आएंगी जबकि साल 2020 तक भारत में सालाना ई-कॉमर्स व्यवसाय से होने वाली बिक्री 7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी. वहीं, यह आंकड़ा साल 2026 तक 14 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है. अभी यह क्षेत्र सालाना 51 फ़ीसदी की दर से बढ़ रहा है.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi