नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) को निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के लिए दिए जाने वाले फंड को एक जगह एकत्रित करना चाहिए ताकि इसका उपयोग ‘पिछड़ा जिला कार्यक्रम’ के तहत विकास कार्यों के लिए किया जा सके.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (सरकारी कंपनियों) को अपने सीएसआर फंड के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. उन्होंने सीपीएसई की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही.
कांत ने कहा, 'इसके पीछे उद्देश्य सभी सार्वजनिक कंपनियों के सीएसआर को एकत्र करना और उसका इस्तेमाल पिछड़े जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण उद्देश्यों में करना है.'
उन्होंने कहा, 'अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम छोटी-छोटी गतिविधियां संचालित करती हैं. यदि हम पिछड़े जिलों में इनका उपयोग कर पाएं तो हम ज्यादा हासिल कर सकते हैं. इसलिए, हमें पिछड़ा जिला कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, महिला और बाल कल्याण जैसे कुछ पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है.'
कांत ने कहा कि इन जिलों ने अपनी कार्य योजनाएं बनाई हैं और नीति आयोग विकास के लिए इनके साथ मिलकर काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछड़े जिलों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तेज वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सीएसआर कोष और समर्पित टीम रखने की जरूरत है.
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