live
S M L

स्विस बैंक भारत को दे सकते हैं कर चोरी करने वाले भारतीयों का डाटा

पिछले साल स्विस सुप्रीम कोर्ट ने एक फ्रेंच याचिका खारिज कर दी थी लेकिन अब भारत के पक्ष में फैसला आने से कई देशों को मदद मिल सकती है

Updated On: Aug 02, 2018 10:34 PM IST

FP Staff

0
स्विस बैंक भारत को दे सकते हैं कर चोरी करने वाले भारतीयों का डाटा

स्विट्जरलैंड के एक कोर्ट ने टैक्स प्राधिकरण को इस बात की अनुमति दी है कि वह उन दो भारतीय नागरिकों के बैंक अकाउंट की जानकारी को शेयर करें जिनकी भारत ने जांच के संबंध में जानकारी मांगी है. बता दें कि पिछले साल स्विस सुप्रीम कोर्ट ने एक फ्रेंच याचिका को खारिज कर दिया था.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला व्हिसलब्लोअर हर्वे फालकनी के डेटा लीक से जुड़ा हुआ है. फालकनी फ्रेंच नागरिक हैं जो एचएसबीसी के स्विस प्राइवेट बैंक में काम करते थे. 2008 में उन्होंने टैक्स चोरी करने वाले ऐसे हजारों क्लाइंट का डेटा सार्वजनिक कर दिया था जिनपर उन्हें टैक्स चोरी का संदेह था.

फालकनी के डेटा सार्वजनिक करने के बाद दुनिया भर के कई देशों में जांच शुरू हो गई. ग्राहकों की गोपनीयता के साथ खिलवाड़ करने पर तब स्विस बैंक की काफी आलोचना हुई थी. स्विस कोर्ट ने फालकनी को पांच साल के लिए कैद की सजा सुनाई थी लेकिन इस सजा से बचने के लिए फालकनी ने स्विट्जरलैंड छोड़ दिया.

जानकारियां लीक होने के बाद कई देशों ने स्विस बैंक से टैक्स चोरी करने वाले अपने नगारियों की जानकारियां मांगीं. पिछले साल स्विस सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस की मदद करने से मना कर दिया. फ्रांस टैक्स चोरी करने वाले एक जोड़े के बारे में जानकारी चाहता था. हालांकि पहले स्विट्जरलैंड ने मना कर दिया था. हालांंकि गुरुवार को आए फैसले में फेडरेल कोर्ट ने कहा  कि भारत को जांच के लिए जरूरी डाटा मिलना चाहिए.

 

याचिका में एक शादीशुदा जोड़े के टैक्स से जुड़े मामले में मदद मांगी गई थी. लेकिन गुरुवार को दिए फैसले में फेडरल कोर्ट ने कहा कि भारत ने जिस क्लाइंट का डाटा मांगा है, उन्हें वह दिया जाना चाहिए. लिहाजा अब उम्मीद है कि टैक्स चोरी से जुड़े जांच में स्विट्जरलैंड दूसरे देशों की भी मदद करेगा.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi