जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने बताया कि 1 अप्रैल 2019 से कंपोजिशन स्कीम की लिमिट बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है. जो लोग कंपोजिशन स्कीम के तहत आते हैं उन्हें हर तीन महीने पर टैक्स चुकाना होगा. लेकिन रिटर्न साल में सिर्फ एकबार चुकाना होगा. काउंसिल ने सर्विसेज के लिए कंपोजिशन स्कीम को अप्रूव कर दिया.
क्या है कंपोजिशन स्कीम
जीएसटी के झंझट से बचने के लिए सरकार ने यह स्कीम शुरू की थी. इस स्कीम में कारोबारी अपना एक टर्नओवर तय करके उसके मुताबिक GST चुका सकते हैं. इसमें कागजी झंझट कम है.
GST रजिस्ट्रेशन की सीमा बढ़ी
सरकार ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की टर्नओवर की सीमा बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दी है. यानी अब जिन कारोबारियों का टर्नओवर 50 लाख रुपए से ज्यादा होगा उनके लिए ही GST रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. फिलहाल यह सीमा 20 लाख रुपए की थी.
कितनी मिलेगी छूट?
अरुण जेटली ने कहा कि 20 लाख रुपए से छूट की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी गई है. यानी पहले जहां 20 लाख रुपए के टर्नओवर पर छूट मिलती थी. वहीं अब 40 लाख रुपए के कारोबार पर छूट मिलेगी. पूर्वोत्तर की SME कंपनियों के लिए यह सीमा 20 लाख रुपए है.
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