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IL&FS पर सरकार का नियंत्रण, 6 सदस्यों के नए बोर्ड का गठन

इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के मैनेजमेंट पर अब सरकार ने कब्जा जमा लिया है

Updated On: Oct 01, 2018 08:06 PM IST

FP Staff

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IL&FS पर सरकार का नियंत्रण, 6 सदस्यों के नए बोर्ड का गठन

इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के मैनेजमेंट पर अब सरकार ने कब्जा जमा लिया है. इस कंपनी के मैनेजमेंट को संभालने के लिए सरकार के जरिए 6 सदस्यीय नए बोर्ड के गठन किया गया है. वहीं इस बोर्ड में कोटक महिंद्रा बैंक के हेड उदय कोटक को अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया है.

दरअसल, कंपनी IL&FS भारी लोन संकट से जूझ रही है. पिछले कुछ महीनों से कंपनी ने अपनी किश्तों का भुगतान भी तय समय पर नहीं किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक केवल IL&FS पर 16,500 करोड़ रुपए का कर्ज है. वहीं इसकी बाकी सभी कंपनियों को मिलाकर कुल 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. देश में मौजूद बैंक और इंश्योरेंस कंपनियों की भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी है.

जिसके बाद सरकार ने इसे अपने हाथ में लेकर इसके नए बोर्ड का गठन किया है. बोर्ड में उदय कोटक के अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी विनीत नैय्यर, पूर्व सेबी प्रमुख जीएन बाजपेयी, आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन जीसी चतुर्वेदी और पूर्व आईएएस अधिकारी मालिनी शंकर और नंद किशोर शामिल हैं. कंपनी को रिवाइव करने की दिशा में यह बोर्ड सरकार को सुझाव देगा. वहीं सरकार के कार्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने IL&FS के खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दी थी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होनी है.

अति सुरक्षित रैंक

आईएल एंड एफएस एक पब्लिक सेक्टर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है और इसकी 40 सहायक कंपनियां हैं. यह बैंकों से लोन लेती है. वहीं दूसरी कंपनियां इस कंपनी में निवेश करती हैं और जनता इसके शेयर खरीदती है. रेटिंग एजेंसियों के जरिए इस कंपनी को अति सुरक्षित रैंक दी गई थी लेकिन हाल में में इस कंपनी ने 250 करोड़ रुपए के इंटरेस्ट पेमेंट का डिफॉल्ट कर दिया. जिसका मतलब है कि कंपनी अपने लोन की किश्त नहीं चुका पाई.

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