तमिलनाडु के चेन्नई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में आरोप मुक्त कर दिया. सीबीआई अदालत की स्पेशल जस्टिस नटराजन ने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है. मारन बंधुओं के अलावा पांच और लोग भी मामले से आरोप मुक्त हो गए हैं.
BSNL illegal telephone exchange case: Kalanithi Maran, Dayanidhi Maran and five others have been discharged by CBI court from the case today. Court said the prosecution failed to prove the case.
— ANI (@ANI) March 14, 2018
इसी सील फरवरी में दोनों भाइयों ने रिहाई के लिए याचिका दाखिल की थी. जिसका सीबीआई ने विरोध करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के लिए सबूत हैं. मारन बंधुओं के वकील ने कहा कि वे निर्दोष हैं और उन्होंने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.
दयानिधि मारन पर सीबीआई ने आरोप लगाया था कि उन्होंने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहते हुए अपनी ताकत का इस्तेमाल कर अपने आवास पर प्राइवेट टेलीफोन एक्सचेंज लगवाया था. मारन जून 2004 से दिसंबर 2006 तक संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थे.
सीबीआई के आरोपों के मुताबिक, मारन के इस कृत्य से सरकारी खजाने को करीब 1.78 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा था. यह नुकसान बीएसएनएल और एमटीएनएल को हुआ था.
सीबीआई के अनुसार, 764 टेलीकॉम लाइन मारन बंधुओं के आवास पर लगाई गई. जिसका इस्तेमाल सनटीवी डेटा के अवैध अपलिंक के लिए किया गया.
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