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इनकम टैक्स आकलन में किसी अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी: CBDT

हमने सीपीसी 2.0 का परिचालन करने वाले वेंडर से यह करार किया है कि यदि आयकर रिटर्न को एक दिन में जांच लिया जाता है तो उसे अधिक पैसा दिया जाएगा.

Updated On: Feb 03, 2019 09:57 PM IST

Bhasha

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इनकम टैक्स आकलन में किसी अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी: CBDT

आयकर आकलन के सिलसिले में अगले दो साल में करदाताओं को किसी अधिकारी का आमना-सामना नहीं करना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि सरकार प्रक्रियाओं को सुगम बनाने का प्रयास कर रही है. सरकार की इसी पहल के तहत आयकर दाताओं को पहले से भरे रिटर्न फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे.

चंद्रा ने बजट बाद साक्षात्कार में कहा कि करदाताओं को ‘नामरहित और चेहरारहित’ सेवाओं की आपूर्ति के लिए विभाग ने पिछले साल करीब 2.06 लाख आयकर आकलन के मामले ऑनलाइन निपटाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल में आयकर विभाग को केंद्रीयकृत प्रसंस्करण केंद्र 2.0 को मंजूरी दी है. यह भविष्य की स्थिति को दिखाता है. चंद्रा ने कहा, 'सीपीसी 2.0 के तहत कई नई चीजें जोड़ी गई हैं. हमें करदाता के बारे में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के जरिए जो सूचना मिलेगी, उसके आधार पर उन्हें पहले से भरा हुआ रिटर्न फॉर्म दिया जाएगा.'

उन्होंने कहा कि इससे रिटर्न की जांच पड़ताल 24 घंटे में हो सकेगी. हमने सीपीसी 2.0 का परिचालन करने वाले वेंडर से यह करार किया है कि यदि आयकर रिटर्न को एक दिन में जांच लिया जाता है तो उसे अधिक पैसा दिया जाएगा. हमें उम्मीद है कि यह प्रणाली दो साल में लागू हो जाएगी. इससे कर अनुपालन भी बेहतर हो सकेगा. बेंगलुरु में मौजूदा सीपीसी आयकर विभाग की नोडल इकाई जो सभी वर्गों के आयकरदाताओं के जरिए दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की जांच करती है.

सीबीडीटी प्रमुख ने बताया कि अभी 0.46 प्रतिशत आयकर मामलों को जांच के दायरे में लाया जाता है. 99.54 प्रतिशत आयकर रिटर्न जैसे होते हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार किया जाता है.

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