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बजट 2019: रियल एस्टेट क्षेत्र की करों में सुधार की मांग, अर्थव्यवस्था पर होगा ऐसा असर

रीयल एस्टेट क्षेत्र के संगठन नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने व्यक्तिगत आयकर में आवास ऋण पर ब्याज की कटौती को सालाना तीन लाख रुपए तक की जाए

Updated On: Jan 20, 2019 05:07 PM IST

Bhasha

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बजट 2019: रियल एस्टेट क्षेत्र की करों में सुधार की मांग, अर्थव्यवस्था पर होगा ऐसा असर

घरेलू अर्थव्यवस्था में करीब 6 प्रतिशत का योगदान करने वाले रियल एस्टेट क्षेत्र ने सरकार से बजट-2019 में करों में सुधार, स्टैंप शुल्क को जीएसटी में समाहित करने तथा मकान खरीदने वालों द्वारा गृह ऋण पर चुकाए गए ब्याज पर कर कटौती की सीमा बढ़ाने की सिफारिश की है. इस क्षेत्र की इकाइयां का कहना है कि इस क्षेत्र पर लागू होने वाले करों को तर्कसंगत बनाना उनके कारोबार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और इसके साथ साथ बजट में किफायती दर की आवास परियोजनाओं को और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए.

स्टैंप शुल्क को जीएसटी के घेरे में लाया जएगा

रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठन नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने व्यक्तिगत आयकर में आवास ऋण पर ब्याज की कटौती को सालाना तीन लाख रुपए तक की जाए. अभी आवास ऋण पर चुकाए गए 2 लाख रुपए तक के ब्याज की कटौती का लाभ मिलता है. उन्होंने एक बयान में कहा कि रियल एस्टेट उद्योग बजट में करों को तर्कसंगत बनाने की उम्मीद कर रहा है. इस समय उद्योग के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है और इससे पूरी अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. उन्होंने कहा, मैं बजट से यह भी उम्मीद करता हूं कि इसमें स्टैंप शुल्क को जीएसटी के घेरे में लाया जएगा, किरायेदरी की प्राप्ति पर निर्माण सामग्री पर चुकाए गए करों का लाभ (आईटीसी) का प्रावधान किया जाएगा और 2022 तक सबको आवास के लक्ष्य के लिए किराए के मकानों की परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा.

रियल एस्टेट क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है

हीरानंदानी ने कहा कि सिर्फ कराधान कम करना ही जरूरी नहीं है बल्कि करों को तर्कसंगत बनाने से एक अनुकूल और सकारात्मक माहौल बनेगा, जिससे अर्थव्यवस्था में कारोबार के नए अवसर पैदा होंगे. सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है. 2017 में सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र का योगदान 6.7 प्रतिशत था. 2025 तक इसके 13 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है. अरोड़ा ने कहा कि भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानी 2022 तक सभी के लिए आवास के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार पिछले कुछ साल से इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है लेकिन इस दिशा में अभी बहुत प्रयास करने बाकी हैं.

सरकार को सस्ते मकानों के क्षेत्र को प्रोत्साहन के कदम उठाने चाहिए

जहां एक ओर जीएसटी के चलते रियल एस्टेट क्षेत्र में कई तरह के करों तथा जटिलताओं में कमी आई है लेकिन स्टैंप शुल्क अभी बना हुआ. इसे हटाया जाना चाहिए. ट्यूलिप इन्फ्राटेक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रवीण जैन ने कहा कि बजट से इस क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं. जैन ने कहा कि कुछ प्रगतिशील कदमों के क्रियान्वयन से लोगों की निवेश और खरीद क्षमता बढ़ेगी. इसके अलावा सरकार को सस्ते मकानों के क्षेत्र को प्रोत्साहन के कदम उठाने चाहिए.

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