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आगामी बजट में टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं हेल्थ, मेडिसिन और स्टार्टअप सेक्टर्स

हेलमेट बनाने वाली कंपनी स्टीलबर्ड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने हेलमेट को विभिन्न टैक्स से छूट दिए जाने की वकालत की

Updated On: Jan 30, 2019 09:10 PM IST

Bhasha

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आगामी बजट में टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं हेल्थ, मेडिसिन और स्टार्टअप सेक्टर्स

हेल्थ एण्ड मेडिसिन क्षेत्र को आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं. बिजनेस करने वाले लोगों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देगी और उसका बजट बढ़ाएगी. स्टार्टअप को एंजल टैक्स खत्म होने की उम्मीद है वहीं हेलमेट को जीवन रक्षक वस्तु मानते हुए इस पर टैक्स छूट की उम्मीद कर रहा है.

इंडस हेल्थ प्लस के संयुक्त प्रबंध निदेशक अमोल नायकावाड़ी ने कहा कि 2025 तक देश में कुल बीमारियों में 75 प्रतिशत से अधिक बीमारियां गैर-संक्रामक श्रेणी की होंगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षात्मक इलाज के जरिए इन बीमारियों की समय से पहचान करना और उपाय संभव है. उन्होंने सुझाव दिया कि धारा 80डी के तहत सुरक्षात्मक इलाज जांच की छूट सीमा मौजूदा पांच हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया जाना चाहिए. उन्होंने हेल्थ एण्ड मेडिसिन क्षेत्र के लिए बेहतर बुनियादी संरचना पर ध्यान देने की भी मांग की.

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग के जरिए पैसे जुटाने वाली वेबसाइट इम्पैक्टगुरू डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीयूष जैन ने बजट में हेल्थ संबंधी विषयों को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की. उन्होंने सरकारी नीतियों में प्राथमिक, माध्यमिक और आखिरी स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल करने का भी सुझाव दिया.

रूटमैटिक के सीईओ सुरजीत दास ने देश में स्टार्टअप की शानदार वृद्धि के मद्देनजर स्टार्टअप और एसएमई के लिए एंजल कर खत्म करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे स्टार्टअप को फाइनेंस संबंधी परेशानियों में आराम मिलेगी.

हेलमेट बनाने वाली कंपनी स्टीलबर्ड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने हेलमेट को विभिन्न टैक्स से छूट दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि चीन के सामानों से बचाव के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हेलमेट को दवाओं की तरह ही जीवनरक्षक माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे भी दवाओं की तरह जीएसटी के दायरे से छूट दी जानी चाहिए.

एविस इंडिया के सीईओ और एमडी सुनील गुप्ता ने पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए देश में परिवहन की बुनियादी संरचनाओं को बेहतर बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पिछले बजट में परिवहन की बुनियादी संरचनाओं पर खर्च 22 प्रतिशत बढ़ाकर 5.97 लाख करोड़ रुपए किया गया था. उन्होंने इस बजट में यह खर्च 30 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की.

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