यौन शोषण के आरोपों से घिरे फिल्पकार्ट के को-फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर बिन्नी बंसल ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बंसल पर जुलाई में यौन शोषण के आरोप लगे थे. हालांकि बिन्नी बंसल का कहना है कि उन्होंने आरोपों की वजह से इस्तीफा नहीं दिया था.
वहीं, कंपनी के ओनर वॉलमार्ट इंक ने कहा कि बिन्नी बंसल ने उनके खिलाफ चल रही जांच की वजह से इस्तीफा दिया. एक ग्लोबल लॉ फर्म ने वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के सहयोग से बिन्नी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की क्योंकि ये आरोप कंपनी के किसी कर्मचारी ने नहीं लगाया था.
वॉलमार्ट ने कहा कि- 'बिन्नी ने अपने खिलाफ व्यक्तिगत दुर्व्यवहार के जांच की वजह से इस्तीफा देने का निर्णय लिया. बिन्नी अपने खिलाफ लगे आरोपों से इंकार करते हैं. लेकिन हमारी जिम्मेदारी थी कि निष्पक्ष जांच हो. हालांकि जांच में बिन्नी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिले हैं. लेकिन इस दौरान बिन्नी के व्यवहार में कई खामियां मिली हैं. इसमें पारदर्शिता की कमी थी. इसी कारण उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया.'
बिन्नी बंसल का इस्तीफा भारत के ऑनलाइन मार्केट के लिए काफी बड़ी खबर है. फिल्पकार्ट भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनी है. ये इस्तीफा इसलिए भी खास है क्योंकि कंपनी के दूसरे फाउंडर सचिन बंसल पहले ही कंपनी से इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट की डील के वक्त ही इस्तीफा दे दिया था. कहा जा रहा था कि चूंकि वॉलमार्ट ने बिन्नी बंसल को सीईओ बनाने के मन बना लिया था, इसलिए उन्होंने कंपनी छोड़ी.
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बिन्नी बंसल पिछले 10 सालों से इस कंपनी के सफर के साक्षी रहे हैं. उन्होंने सचिन बंसल के साथ मिलकर इसकी स्थापना की है और इसे बड़ा किया है, ऐसे में आज जब वो कंपनी छोड़कर जा रहे हैं तो एक बार उनके और कंपनी के सफर पर नजर डालते हैं.
कौन हैं बिन्नी बंसल और कैसे शुरू हुआ था फ्लिपकार्ट?
चंडीगढ़ के बिन्नी बंसल आईआईटी दिल्ली के छात्र रह चुके हैं. उनके पिता बैंकर थे और उनकी मां सरकारी कर्मचारी थीं. बिन्नी ने फ्लिपकार्ट शुरू करने से पहले आईटी फर्म सरनॉफ में काम किया था. इसके बाद उन्होंने अमेजॉन जॉइन किया. यहां सचिन बंसल पहले से ही काम करते थे. दोनों आईआईटी दिल्ली में बैचमेट रह चुके थे.
2007 में कंपनी की शुरुआत
दोनों ने साथ ऑनलाइन शॉपिंग को आसान बनाने का सपना देखा. 2007 में सचिन बंसल ने फ्लिपकार्ट शुरू किया. एक महीने बाद बिन्नी भी उनसे जुड़ गए. दिलचस्प है कि आज जिस कंपनी का नाम भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का दूसरा नाम है, उसकी शुरुआत ऑनलाइन बुक्स बेचने वाली वेबसाइट की तरह हुई थी. दोनों चार लाख के फंड के साथ इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने भारतीय कस्टमर्स का विश्वास जीतने के लिए कैश ऑन डिलीवरी का सहारा लिया. पहले साल में उन्होंने 20 शिपमेंट भेजीं और ऑफिशियली बिजनेस में आ गए.
2008 में बिजनेस शुरू
2008 में दोनों ने बेंगलुरु में सबसे पहले अपना ऑफिस खोला. इस कंपनी को माउथ पब्लिसिटी मिलने लगी. और इस कंपनी ने 3,000 से ज्यादा शिपमेंट भेजे.
2009 में रखा पहला एम्पलॉई और मिला इन्वेस्टर
कंपनी ने इस साल अपना पहला एम्पलॉई रखा और इसी साल कंपनी को अपना पहला इन्वेस्टर भी मिला. एक्सेल पार्टनर्स ने कंपनी में 10 लाख का निवेश किया. इसी साल दिल्ली और मुंबई में भी फ्लिपकार्ट के ऑफिस खुले. अब तक कर्मचारियों की संख्या 150 के आसपास पहुंच गई. इसी साल उन्होंने प्री-ऑर्डर फीचर भी लॉन्च किया.
2010 में ई-कार्ट की शुरूआत, रिटर्न पॉलिसी के साथ बढ़ाए प्रॉडक्ट कैटेगरी
कंपनी ने लॉजिस्टिक ई-कार्ट की शुरुआत की. इसी साल 30 दिन की रिटर्न पॉलिसी भी बनाई गई. और सबसे खास कंपनी ने वेबसाइट पर प्रॉडक्ट कैटेगरी में म्यूजिक, मूवीज, गेम्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल भी शुरू किया.
2011-2013 में मोबाइल ऐप लॉन्च
2011 में कंपनी ने अपनी प्रॉडक्ट कैटेगरी कैमरा, कंप्यूटर, लैपटॉप, हेल्थ और पर्सनल केयर तक बढ़ा ली. डिजिटल वॉलेट भी लॉन्च किया गया. फ्लिपकार्ट इस वक्त तक भारत के 600 शहरों में डिलीवरी कर रहा था. 2012 में कंपनी ने अपना मोबाइल शॉपिंग ऐप लॉन्च किया. इस साल भी प्रॉडक्ट कैटेगरी बढ़ाकर फैशन, एसेसरीज, टॉएज और पोस्टर तक की गई. 2013 में कंपनी थर्ड पार्टी सेलर्स को भी जगह देनी शुरू की.
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2014-2016 बिग बिलियन डेज शुरू
2014 में बिग बिलियन डेज शुरू किया गया. इस साल कंपनी ने कई बड़े ऑनलाइन फैशन रिटेलर कंपनियों के साथ काम किया और साल के अंत तक कंपनी की कीमत 11 बिलियन हो गई. 2015 में फ्लिपकार्ट लाइट शुरू किया गया. कंपनी ने अपने लोगो और कर्मचारियों के लिए कई सुविधाएं शुरू करके ब्रांड रिफ्रेश कर दिया. 2016 में बिन्नी बंसल कंपनी के सीईओ बने. पहले सचिन बंसल इसके सीईओ थे. अब सचिन बंसल एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बन गए. टाइम मैगजीन दोनों को दुनिया भर के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया.
2017-2018 वॉलमार्ट ने खरीदे 77% शेयर, दोनों को-फाउंडर का इस्तीफा
2017 में पहली बार नॉन फाउंडिंग सीईओ (कल्याण कृष्णमूर्ति) नियुक्त किया गया. बिन्नी बंसल ग्रुप सीईओ बने. इस साल कंपनी ने कई कंपनियों को इक्विटी एक्सचेंज करके बिजनेस में नए प्रतिमान गढ़े.
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2018 में अमेरिका की बड़ी रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी शेयर खरीद लिए. बिन्नी बंसल को सीईओ बनाया गया. सचिन बंसल ने इस्तीफा दे दिया.
बिन्नी बंसल पर जुलाई में यौन शोषण के आरोप लगे, जिसकी दोनों कंपनियों ने स्वतंत्र जांच कराई है. जांच में अभी कुछ साबित नहीं हुआ है लेकिन बिन्नी बंसल ने 13 नवंबर को इस्तीफा दे दिया है.
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