वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) की पहचान लगभग पूरी हो चुकी है. साथ ही जेटली ने कहा है कि सरकार के जरिए चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 83000 करोड़ रुपए डाले जाएंगे.
जेटली ने कहा 'एनपीए की पहचान लगभग पूरी हो चुकी है. गैर पहचान वाले अब 0.59 फीसदी हैं जो कि मार्च 2015 में 0.7 फीसदी थे. साथ ही इसमें सुधार होता हुआ पिछली तिमाही में देखा जा चुका है. एनपीए में गिरावट अब शुरू हो जाएगी.'
FM, Arun Jaitley: The recognition of NPAs is almost complete, the non-recognition is now at 0.59% which was to the extent of about 0.7% in March 2015. Last quarter has already shown that there is an improved performance. The downward slide in the NPAs itself would now commence. pic.twitter.com/R9HkWF2UqI
— ANI (@ANI) December 20, 2018
जेटली ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के बचे हुए महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 83000 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी. इससे पहले दिन में सरकार ने अनुपूरक अनुदान मांग की दूसरी किस्त के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 41000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने के लिए संसद की मंजूरी मांगी. इससे चालू वित्त वर्ष में बैंकों में 65000 करोड़ रुपए के बजाए कुल 1.06 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी.
जेटली ने कहा कि पूंजी डाले जाने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा से बाहर निकलने में मदद मिलेगी.
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