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अरुण जेटली ने कहा, कर्ज और नकदी से जुड़े मुद्दे उठाना RBI की स्वतंत्रता में दखल नहीं

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एक चुनी हुई सरकार के जरिए कर्ज और नकदी संकट से जुड़े मुद्दों को उठाना केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता में दखल देना नहीं हो सकता.

Updated On: Dec 14, 2018 10:07 PM IST

Bhasha

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अरुण जेटली ने कहा, कर्ज और नकदी से जुड़े मुद्दे उठाना RBI की स्वतंत्रता में दखल नहीं

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एक चुनी हुई सरकार के जरिए कर्ज और नकदी संकट से जुड़े मुद्दों को उठाना केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता में दखल देना नहीं हो सकता. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में केंद्रीय बैंक के साथ चीजें ठीक हो जाएंगी. जेटली ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक की स्वायत्ता का सम्मान करती है. जेटली की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास ने इससे पहले केंद्रीय बैंक के संचालन ढांचे की और जांच-परख की बात कही है.

वित्त मंत्री ने उद्योग मंडल फिक्की की सालाना आम बैठक में कहा, 'सरकार वास्तव में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता का सम्मान करती है. हम सम्मान करते हैं इसीलिए हमनें उन्हें बताया कि बाजारों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.' उन्होंने कहा कि आरबीआई के सामने समस्याओं को उठाया गया क्योंकि ये मुद्दे उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

जेटली ने कहा, 'मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि अगर एक निर्वाचित सरकार कर्ज और नकदी समस्या से जुड़े मुद्दों को उठाती है तो यह किस प्रकार से स्वायत्तता का अतिक्रमण हो सकता है.' उन्होंने कहा कि यदि बाजार में पूंजी की कमी है तो संबंधित प्राधिकरण को इस बारे में बताना पड़ेगा.

उर्जित पटेल के आरबीआई गवर्नर के पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद सरकार ने शक्तिकांत दास को नया गवर्नर नियुक्त किया है. रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष में कुछ हिस्सा सरकार को देने और कर्ज नियमों को सरल बनाने के मुद्दे पर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मतभेद बढ़ गए थे.

चुनौती की आवश्यकता नहीं है

जेटली ने कहा कि सिर्फ सरकार ने ही नहीं बल्कि फिक्की जैसे उद्योग मंडल भी बाजार की चुनौतियों को लेकर आरबीआई के पास गए थे. उन्होंने कहा, 'हमें वर्तमान वैश्विक स्थिति में घरेलू स्तर पर एक और चुनौती (कर्ज और नकदी) की आवश्यकता नहीं है, जो कि आर्थिक वृद्धि के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करती है.'

जेटली ने कहा, 'सशक्त प्राधिकरण के साथ संवाद स्थापित करना और उनके ध्यान में चीजें लाना उन तरीकों का हिस्सा है जिसमें आर्थिक प्रणाली काम करती है.' उन्होंने कहा कि स्वायत्तता, अलगाव का समानार्थी नहीं है. और पूरी बहस की यही वजह है कि संबंधित संस्थान के सामने इन मुद्दों को उठाया क्योंकि यही इन चुनौतियों को दूर करने की जगह है, इससे पीछे नहीं हटा जा सकता, यह आवश्यक है. जेटली ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि भविष्य में चीजें ठीक से काम करेंगी.'

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