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चाइनीज भाषा सीखकर हर दिन कमा सकते हैं 5,000 रुपए

मंदारिन सीखकर इंटरप्रेटर (दुभाषिया) बन सकते हैं और रोजाना 5,000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं

FP Staff

भारत-चीन के बीच हाल में सीमा विवाद जरूर बढ़ा है. लेकिन दोनों मुल्कों के बीच बढ़ते कारोबार से रोजगार के मौके भी बढ़े हैं. इसके लिए आपको चाइनीज भाषा मंदारिन सीखनी पड़ेगी. मंदारिन सीखकर आप इंटरप्रेटर (दुभाषिया) बन सकते हैं. इससे रोजाना 5,000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. भारत-चीन का द्विपक्षीय कारोबार 2016 में 70.8 अरब डॉलर पहुंच गया था. यह 2000 में महज 2.9 अरब डॉलर था.

मंदारिन में रोजगार के मौके


दोनों मुल्कों के बीच जिस रफ्तार से ट्रेड बढ़ रहा है, ऐसे में कुछ सालों में चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन सकता है. इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, रिलांयस इंडस्ट्रीज, एनआईआईटी, अपोलो टायर्स और कई दूसरी भारतीय कंपनियां ने अपने कर्मचारियों को अपने चाइनीज ऑफिस में तैनात किया है.

वहीं, ओपो, शािओमी, वनप्लस, जियोनी, विवो, जोपो, जेडटीई जैसी मोबाइल कंपनियों के अलावा सिनोस्टील, हुयवेई टेक्नोलॉजीज, टीसीएल, हायर, शंघाई इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं. यह कंपनियां भारत के बड़े शहरों के अलावा छोटे-छोटे कस्बों में कारोबार फैला रही है.

इन्हें बड़ी संख्या में मंदारिन जानने वाले ऐसे लोगों की जरूरत पड़ रही है, उनकी बात को ट्रेडर्स और आम लोगों तक पहुंचाने में मदद कर सकें. वहीं, चीन में कारोबार फैलाने वाली भारतीय कंपनियों को भी मंदारिन, हिंदी और अंग्रेजी की अच्छी जानकारी रखने वाले लोगों की जरूरत पड़ रही है.

मंदारिन सीखने के बाद जॉब्स

चीन की भाषा मंदारिन सीखने के बाद आपको लैंग्वेज ट्रेनर, लैंग्वेज एक्सपर्ट, ट्रांसलेटर और इंटरप्रेटर जैसी जॉब्स बड़ी आसानी से मिल जाती है. इंटरप्रेटर बनकर आप रोजाना 3,000-5,000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, आप ट्रेवल गाइड का विकल्प भी चुन सकते हैं. भारत सरकार भी अपने कई मंत्रालयों में इंटरप्रेटर की नियुक्ति करती है, ऐसे में मंदारिन सीखकर आपके लिए यह विकल्प भी खुल सकता है. कॉल सेंटर्स में भी मंदारिन जानने वालों की बड़ी डिमांड है.

कितनी मिलेगी सैलरी

अगर आप चाइनीज भाषा सीखने के तुरंत बाद शुरुआत करते हैं तो आपको 3-5 लाख रुपए का सैलरी पैकेज (0-2 साल का अनुभव रखने पर) आसानी से मिल जाता है. वहीं, अगर आपके पास मंदारिन में काम करने का 2-6 साल का अनुभव है तो आपका सैलरी पैकेज बढ़कर 10-15 लाख सालाना पहुंच जाता है.

अनुभव बढ़ने के साथ आपका सैलरी पैकेज बढ़ता जाता है. यह सैलरी पैकेज भारत के लिए हैं. अगर कोई कंपनी आपकी नियुक्ति चीन में करती है तो आपको 2 साल का अनुभव रखने पर 12-15 लाख का सैलरी पैकेज मिल सकता है.

कहां सीखें मंदारिन

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) पिछले 30 सालों से चाइनीज लैंग्वेज में ग्रेजुएट और मास्टर प्रोग्राम ऑफर कर रही है. ग्रेजुएट कोर्स की अवधि तीन साल और मास्टर प्रोग्राम 2 साल का है. देश के कई बिजनेस स्कूलों में भी लैंग्वेज ऑप्शन के रूप में चाइनीज ऑफर करना शुरू कर दिया है. दिल्ली-एनसीआर में मंदारिन सिखाने वाले करीब 120 इंस्टीट्यूट हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ ईस्ट एशियन स्टडीज भी है, जहां से आप चाइनीज लैंग्वेज सीख सकते हैं. एक दशक पहले जहां मंदारिन के लिए महज 30-40 एनरॉलमेंट होते थे, अब दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलग-अलग कॉलेजों में इनकी संख्या बढ़कर 350 से ज्यादा हो गई है.

इसके अलावा, जामिया मिलिया इस्लामिया, द चाइनीज लैंग्वेज इंस्टीयूट, इग्नू के स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेज से भी लैंग्वेज कोर्स कर सकते हैं. आप चाइनीज लैंग्वेज में छह महीने से लेकर 1 साल का डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी चाइनीज लैंग्वेज में 1 साल का डिप्लोमा कोर्स ऑफर करती है.

इंडिया चाइना चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तीन लेवल के कोर्स ऑफर कर रही है, जो कि लेवल-1 (बेसिक मंदारिन), लेवल-2 और लेवल-3 हैं. लेवल-1 की अवधि 45 घंटे, लेवल-2 और लेवल-3 का कोर्स 60-60 घंटे का है. लेवल-1 के कोर्स की फीस 12,000 है, इसमें टैक्स शामिल नहीं है. वहीं, लेवल-2 और 3 की फीस बिना टैक्स के क्रमशः 16,000 रुपए और 18,000 रुपए है.