भारतीय मूल के जे वाई पिल्लै को सिंगापुर का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है. 83 वर्षीय पिल्लै टोनी टैन केंग याम की जगह लेंगे, जिनका गुरुवार को राष्ट्रपति के तौर पर छह साल का कार्यकाल पूरा हो गया.
काउंसिल ऑफ प्रेसिडेंशियल एडवाइजर्स (सीपीए) के अध्यक्ष पिल्लै तब तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे, जब तक कि 13 सितंबर को नामांकन वाले दिन या 23 सितंबर को चुनाव वाले दिन के बाद कोई उम्मीदवार निर्वाचित नहीं हो जाता.
स्ट्रेट्स टाइम्स के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय खाली होने पर संसद के चेयरमैन के बाद काउंसिल ऑफ प्रेसिडेंशियल एडवाइजर्स (सीपीए) के अध्यक्ष को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाती है.
खबरों के मुताबिक वर्ष 1991 में निर्वाचित राष्ट्रपति का कार्यकाल शुरू होने के बाद यह पहली बार है जब राष्ट्रपति कार्यालय खाली हुआ है.
पिल्लै राष्ट्रपति के तौर पर अधिकारों से अच्छी तरह वाकिफ है. राष्ट्रपति के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान हर बार वही कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं. टान के यूरोप की राजकीय यात्रा पर जाने के दौरान मई में उन्होंने बतौर राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला था.
पिल्लै ने 60 से अधिक बार कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाली है. इनमें से सबसे लंबा कार्यकाल वर्ष 2007 में अप्रैल और मई में 16 दिन का था, जब राष्ट्रपति एस आर नाथन अफ्रीका की यात्रा पर गए हुए थे.
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मलय (ब्रुनेई, इंडोनेशियाई, मलेशिया और सिंगापुर के लोग) मूल के तीन उम्मीदवारों के चुनाव में खड़े होने की संभावना है. देश का सर्वोच्च पद इस बार अल्पसंख्यक समूह के प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षित है.