अमेरिका ने सभी श्रेणियों में एच-1 बी वीजा जारी करने की सेवा फिर से शुरू कर दी है. पांच महीने पहले अमेरिकी संसद ने वर्क वीजा के लिए बड़ी संख्या में आए आवेदनों पर अस्थाई रोक लगा दी थी. एच-1 बी वर्क वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच काफी लोकप्रिय है.
एच-1 बी वीजा एक गैर अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक और तकनीकी तौर पर दक्ष विदेशी कर्मचारियों को नियुक्ति करने की अनुमति देता है. हर साल हजारों कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए आईटी कंपनियां इसपर निर्भर करती हैं.
प्रीमियम प्रोसेसिंग के बारे में पूरी जानकारी और भारतीय कंपनियों के लिए इसके क्या मायने हैं...
2. अगर 15 दिन के अंदर प्रोसेसिंग प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) आवेदक से ली गई प्रीमियम प्रोसेसिंग फी वापस लौटा देता है. और साथ ही उसे प्रोसेस करने का काम जारी रखता है.
3. यह सेवा केवल लंबित आवेदनों के लिए है, न कि किसी नए आवेदन के लिए. ऐसा इसलिए कि यूएससीआईएस को अप्रैल महीने में ही काफी संख्या में आवेदन मिल चुके है.
4. अप्रैल में, प्रीमियम प्रोसेसिंग को निलंबित करते वक्त यूएससीआईएस ने कहा कि इसकी अवधि छह महीने तक हो सकती है. उसका निर्णय लंबे समय से लंबित याचिकाओं पर कार्रवाई करने में मदद करेगा.
5. भारतीय आईटी कंपनियों को जब शीघ्र एच-1 बी वीजा की जरूरत होती है, जिसकी जरूरत उन्हें अक्सर पड़ती है, तब यह प्रीमियम प्रोसेसिंग उनकी मदद करती है.