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'अमेरिका फर्स्ट' की तर्ज पर हो रहा H-1B वीजा का विरोध

विरोध कर रहे ग्रुप ने पोस्टर लगाए हैं. इसमें अमेरिका फर्स्ट की तर्ज पर लिखा हुआ है कि कांग्रेस को एच-1बी नियमों को दुरुस्त करना चाहिए, ताकि कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी दें

FP Staff

अमेरिका में एच-1बी वीजा अप्लाई करने का सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में आव्रजन नीतियों का विरोध कर रहे एक ग्रुप ने अपना विरोध जताते हुए सैन फ्रांसिस्को में पोस्टर लगाए हैं. इसमें अमेरिका फर्स्ट की तर्ज पर लिखा हुआ है कि कांग्रेस को एच-1बी नियमों को दुरुस्त करना चाहिए, ताकि कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी दें.

अमेरिकी न्यूज वेबसाइट मर्करी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सैन फ्रांसिस्को के बे एरिया रैपिड ट्रांजिट (BART) के स्टेशनों पर ऐसे पोस्टर लगे हुए हैं. इन पोस्टरों में लिखा हुआ है, 'आपकी कंपनी सोचती है कि आप काफी महंगे हैं, नाकाबिल हैं और खत्म हो जाने लायक हैं. कांग्रेस एच-1 बी नियमों को ठीक करो ताकि कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी दें.'


ऐड यूएस टेक वर्कर्स की ओर से चलाया जा रहा है. इस कैंपेन को प्रोग्रेसिव फॉर इमिग्रशेन रिफॉर्म की ओर से फंड किया गया है. इस ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वो अमेरिका में विदेशी और घरेलू कंपनियों के शोषण में कम वेतन पर काम कर रहे बाहरी लोगों के महत्व का विरोध करती है.

ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, 'सैन जोस में टेक कंपनियों में महज 29 प्रतिशत जॉब अमेरिकियों के पास है. साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ में कर्मचारियों की मांग के बावजूद वेतन कई सालों से नहीं बढ़ाए गए हैं. हम विश्वास करते हैं कि अब की पीढ़ी जो वर्कफोर्स में शामिल हो रही है और आगे की जो पीढ़ी शामिल होगी, वो समृद्ध हो, इसलिए कंपनियों को अमेरिकी कर्माचारियों को हायर करना चाहिए.'

इस ग्रुप द्वारा चलाए जा रहे इस ऐड कैंपेन के लिए BART को 80,000 यूएस डॉलर दिए गए हैं. ये कैंपेन मध्य अप्रैल तक चलेंगे. मर्करी न्यूज को दिए गए बयान में BART ने बताया कि ग्रुप ने स्टेशन के अंदर 250 पैनल ऐड्स और ट्रेन के अंदर 100 छोटे पैनल ऐड्स खरीदे हैं. BART ने कहा कि वो ऐसे किसी विज्ञापन का समर्थन करता है और वो हर किसी का स्वागत करता है.

ये ग्रुप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा के नियमों को घोर विरोध करती है. लेकिन ट्रंप खुद भी इन नियमों को कड़े करने की बात कर चुके हैं. ट्रंप सरकार ने वीजा इशू करने की प्रक्रिया को कड़ा करने की नई नीति की घोषणा की है. इसके बाद कंपनियों को अपने कर्मचारियों को वीजा इशू के योग्य साबित करने के लिए ज्यादा कोशिश करनी होगी यानी प्रक्रियाओं में बदलाव होगा.