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ट्रंप की नई ट्रैवेल बैन लिस्ट, उत्तर कोरिया समेत 8 देशों पर बैन

अमेरिका और उत्तर कोरिया के बढ़ते तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रैवल बैन की नई लिस्ट जारी की

FP Staff

अमेरिका और उत्तर कोरिया के बढ़ते तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रैवल बैन की नई लिस्ट जारी की है. इसमें उत्तर कोरिया, वेनेजुएला और चाड सहित आठ देशों को शामिल किया गया है. इन देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए खराब सुरक्षा जांच और अमेरिकी अधिकारियों के साथ सहयोग न करने का हवाला दिया गया है.

उत्तर कोरिया पर पूरी तरह से बैन

उत्तर कोरिया और चाड के नागरिकों पर पूर्ण रोक है, जबकि वेनेजुएला के सरकारी अधिकारियों और उनके परिवारों पर ही ट्रैवल बैन लगाया गया है.

इन देशों पर ट्रंप ने लगाया ट्रेवल बैन

इस बैन लिस्ट में उत्तर कोरिया, वेनेजुएला, ईरान, चाड, लीबिया, सीरिया, यमन और सोमालिया का नाम है. वहीं सूडान के नागरिकों पर से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं.

प्रतिबंध समय आधारित नहीं, शर्त आधारित

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम है और शर्त आधारित हैं न कि समय आधारित है. उन्होंने कहा कि अगर कोई देश अमेरिका की यात्रा जांच के मानकों को पूरा करता है तो उसका नाम लिस्ट से हटाया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये लिस्ट विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद की रोकथाम के लक्ष्यों के लिए बनाई गई है.

मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की कोशिश

ट्रंप ने नए प्रतिबंध जारी किए हैं, जो खत्म हो रहे पहले के आदेशों की जगह लेंगे. ट्रैवल बैन के पहले आदेश ने उन्हें राजनीतिक और कानूनी पचड़े में फंसा दिया था. आलोचकों ने आरोप लगाया था कि जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद से ही ट्रंप देश में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने की कोशिश में है.

अमेरिका की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

ट्रंप ने एक ट्वीट किया कि अमेरिका को सुरक्षित बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है. हम उन लोगों को अपने देश में प्रवेश नहीं करने देंगे जिनकी हम ठीक तरीके से सुरक्षा जांच नहीं कर सकते हैं. सूडान मुस्लिम बहुल उन छह देशों में से एक था जिन पर पहले प्रतिबंध लगाया था. हालांकि अब नई सूची में सूडान का नाम हटा लिया गया है. अमेरिका की नई ट्रैवल बैन सूची में अब आठ देश हैं जिनपर पूर्ण या आंशिक रोक है.

ट्रंप ने बताया इसे जरूरी

नए आदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दूसरे देशों पर उनके नागरिकों की पहचान करने की प्रक्रिया में सुधार करने और अमेरिका के साथ जानकारी साझा करने के लिए दवाब बनाने के वास्ते यह कार्रवाई जरूरी है.

(साभार न्यूज18)