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सीरिया एयरबेस पर हमला: ट्रंप ने दिखाया, वो ताकत के इस्तेमाल से डरते नहीं

ट्रंप ने मिसाइल हमले की इजाजत देने के लिए अपनी सर्वोच्च शक्तियों का इस्तेमाल किया

Pawas Kumar

डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर मिसाइल स्ट्राइक की इजाजत देकर एक बड़ा संदेश दिया है. ट्रंप ने फिर से साबित किया है कि वह राष्ट्रपति के रूप में अपनी ताकत का इस्तेमाल करने में पीछे रहने वालों में नहीं हैं.

ट्रंप ने सीरिया में सरकारी सैन्यबलों द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बाद उसकी कड़ी निंदा की थी. लेकिन कार्रवाई करके उन्होंने दिखाया कि वह एक्शन में भी भरोसा करते हैं.


ट्रंप ने हमले के लिए सीरिया के राष्‍ट्रपति बशर अल असद और उनकी सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है और यही वजह है कि पहली बार अमेरिका ने बशर अल असद सरकार के सैन्यबलों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की.

हमले के बाद ट्रंप ने कहा, 'सीरिया में महिलाओं, बच्चों और यहां तक कि छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित निर्दोष लोगों पर रासायनिक हमला किया गया. उनकी मौत मानवता के लिए शर्म की बात है. इसके बाद मैंने मिसाइल हमले को मंजूरी दी.'

ओबामा से उलट हैं ट्रंप

ट्रंप ने मिसाइल हमले की इजाजत देने के लिए अपनी सर्वोच्च शक्तियों का इस्तेमाल किया. उन्होंने इसके लिए संसद से अनुमति नहीं ली. जिस तेजी से ट्रंप ने यह फैसला लिया, वह पहले बराक ओबामा के तरीके से बिल्कुल अलग है. ओबामा के समय हमेशा बलप्रयोग से बचा जा रहा और ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले काफी विचार किया जाता था.

ओबामा ने 2013 में सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बाद ऐसी ही कार्रवाई पर विचार किया था. लेकिन काफी लंबे विचार-विमर्श के बाद उन्होंने ऐसी कार्रवाई न करने का फैसला किया था. इसके ठीक उलट ट्रंप ने बेहद तेजी से फैसला किया और रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के 72 घंटों के भीतर कार्रवाई कर दी.

रोचक बात है कि जब ट्रंप ने यह फैसला किया तो वह चीन के राष्ट्रपति की मेजबानी कर रहे थे.

और कड़ी हो सकती है कार्रवाई

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, यह हमला ट्रंप को दिए गए सबसे कम नाटकीय विकल्पों में से एक था. विदेश मंत्री जिम मैटिस ने ट्रंप के सामने कई सैन्य विकल्प रखे थे. मिसाइल हमले का मकसद असद सरकार को संदेश भेजना था कि अगर रासायनिक हथियारों को फिर इस्तेमाल हुआ तो परिणाम भयंकर होंगे. कई रिपब्लिकन सांसदो ने ट्रंप को और कड़ी कार्रवाई करने और सीधे सीरिया की वायुसेना को निशाने पर लेने की वकालत की है.