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अमेरिकी मिडटर्म इलेक्शन में जीत सकते हैं भारतीय मूल के दो उम्मीदवार

छह नवंबर को होने जा रहे अमेरिकी मध्यावधि चुनावों में दो भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों की जीत की संभावनाएं बढ़ गई हैं

Bhasha

अमेरिका में आगामी छह नवंबर को होने जा रहे मध्यावधि चुनावों में दो भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों की जीत की संभावनाएं बढ़ गई हैं. डेमोक्रेटिक कमेटी ने उन्हें ‘रेड टू ब्लू’ कार्यक्रम से जोड़ा है जो सबसे सक्षम और ज्यादा असरदार प्रचार अभियान से जुड़ा दर्जा है.

हीरल तिपिरनेनी अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए एरिजोना के 8वें कांग्रेसनल जिले से चुनाव लड़ रही हैं जबकि श्री कुलकर्णी टेक्सस के 22वें कांग्रेसनल जिले से चुनाव लड़ रहे हैं.


छह नवंबर को अमेरिकी नागरिक कांग्रेस के दोनों सदनों- प्रतिनिधि सभा और सीनेट- के लिए और 50 प्रांतों में से 36 के गर्वनरों के चुनाव के लिए वोट डालेंगे.

प्रतिनिधि सभा की सभी 435 सीटों के लिए चुनाव होंगे जबकि उच्च सदन सीनेट की 100 में से 35 सीटों के लिए चुनाव होंगे. संसद के दोनों सदनों में अभी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है.

डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमिटी (डीसीसीसी) सबसे असरदार प्रचार अभियान को ‘रेड टू ब्लू’ का दर्जा देती है. इस साल की शुरुआत में पार्टी ने ओहायो के पहले कांग्रेसनल जिले से चुनाव लड़ रहे आफताब पुरेवल को ‘रेड टू ब्लू’ दर्जा दिया था.

‘इंडियन-अमेरिकन इंपैक्ट फंड’ ने कहा कि हीरल और कुलकर्णी के प्रचार अभियान को ‘रेड टू ब्लू’ का दर्जा दिए जाने से यह दर्जा पाने वालों की रिकॉर्ड संख्या हो गई है. इंपैक्ट फंड के सह-संस्थापक दीपक राज ने बताया, ‘मार्च में इंपैक्ट फंड ने हीरल और श्री कुलकर्णी का समर्थन किया था, क्योंकि हमें यकीन था कि उनमें लड़ने, जीतने और नेतृत्व करने का जुनून है.’

उन्होंने कहा, ‘हमें बेहद खुशी है कि डीसीसीसी हमारे विश्लेषण से सहमत है और हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए हम उनके आभारी हैं.’

इंपैक्ट फंड के सह-संस्थापक और कन्सास की प्रतिनिधि सभा के पूर्व सदस्य राज गोयले ने कहा, ‘अब चूंकि 20 दिन ही बाकी है, लिहाजा यह अहम है कि भारतीय-अमेरिकी वोटर, स्वयंसेवक और दानकर्ता अपनी जिम्मेदारी निभाएं ताकि वे जीत हासिल कर सकें.’