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मसूद अजहर पर भारत को मिला अमेरिका का साथ

मसूद अजहर पठानकोट एयरबेस टेरर अटैक का मास्टरमाइंड भी है

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद पर सख्ती के आदेश कई बार दे चुके हैं. यूएन में भी मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयास पर चीन अपनी टांग अड़ाता आया है. ऐसे में मसूद पर शिकंजा कसने के लिए भारत को अमेरिका का साथ मिल गया है.

अमेरिका ने साफ कर दिया है कि जो देश आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने से रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल कर रहे है, वे उस कार्रवाई करने से नहीं रोक पाएंगे. अमेरिका ने बिना नाम लिए चीन को चेतावनी दे दी है कि उसे मसहूद अजहर पर अपना रवैया बदलना होगा. नहीं तो अमेरिका आतंकियों को सबक सिखाना भी जानता है.


अमेरिका ने ये बयान ऐसे समय पर दिया है जब चीन भारत की कोशिशों में लगातार रोड़े अटका रहा है. चीन मसहूद अजहर को दो बार वीटो करके आतंकियों की सूची में शामिल होने से बचा चुका है.

कौन सूची में है और उनसे हमें कैसे निपटना है

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संवाददाताओं से कहा कि प्रशासन इन सभी रास्तों पर विचार कर रहा है और हमने जिन कुछ चीजों पर बात की है वे प्रतिबंधों से संबंधित हैं. कौन सूची में है और उनसे हमें कैसे निपटना है इस बात पर भी चर्चा की गई है.

निकी से यूनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल की प्रतिबंधित लिस्ट में आतंकवादियों को खासतौर पर साउथ एशियाई इलाके से जुड़े आतंकवादियों को शामिल करने से जुड़ी कोशिशों के बारे में पूछा गया था. चीन का बिना नाम लिए इस बात का भी जिक्र किया गया कि किस तरह सुरक्षा परिषद के कुछ स्थाई सदस्य वीटो पावर का इस्तेमाल करके इन कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं.

हेली ने इस पर कहा कि क्या हम वीटो से जुड़े लोगों पर कुछ करने वाले हैं? हां, बिलकुल यह अमेरिका को कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता. निश्चित तौर पर यह हमें यह देखने से रोक नहीं सकता कि हम कुछ बदलाव कर सकते हैं कि नहीं. हमारा मकसद है कि हम मिलकर उससे ज्यादा करें जो हम अलग-अलग कर सकते हैं. अगर हम अलग-अलग नहीं कर सकते तो हम इन चीजों को करने के लिए दूसरी दिशा में बढ़ेंगे.

उनके मुताबिक, यूएस यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वह एक 'नतीजे' की ओर बढ़ रहा है, बस 'बैठा नहीं हुआ' और चीजों को खुद ब खुद होने नहीं दे रहा.

पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड है मसूद अजहर

पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला मसूद अजहर जैश-ए-मुहम्मद का सरगना है. मार्च 2000 में हरकत-उल-मुजाहिदीन में विभाजन करवाकर उसने यह संगठन बनाया है. उसे 1994 में श्रीनगर पर हमले की योजना बनाते गिरफ्तार किया गया था.

1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद उसे रिहा करना पड़ा. इसके अगले साल उसने जैश बनाया. 2002 में पाकिस्तान सरकार ने जैश पर बैन लगा दिया. 13 दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद पर हमला. अक्टूबर 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला. 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियर पर्ल की हत्या. इतना ही नहीं मसूद पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले का भी मास्टर माइंड है.