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'लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भारत में हो सकती है सांप्रदायिक हिंसा'

अमेरिका के खुफिया अधिकारी डैन कोट्स ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि सत्तारूढ़ बीजेपी अप्रैल-मई, 2019 में देश में होने वाले आम चुनावों से पहले हिंदू राष्ट्रवाद पर जोर देती रही तो सांप्रदायिक हिंसा की आशंका प्रबल है

FP Staff

अमेरिकी खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने भारत में इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक हिंसा होने की आशंका जताई है. खुफिया विभाग के निदेशक डैन कोट्स ने अमेरिकी सीनेट (संसद) में एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें इस बात का जिक्र है.

उन्होंने अमेरिकी सांसदों को बताया कि सत्तारूढ़ बीजेपी अप्रैल-मई (2019) में देश में होने वाले आम चुनावों से पहले हिंदू राष्ट्रवाद पर ही जोर देती रही तो सांप्रदायिक हिंसा की आशंका प्रबल है. उन्होंने बताया कि भारत और चीन के बीच इस साल रिश्ते तनावपूर्ण रहने की आशंका है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने के भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के प्रयासों के बावजूद उनके संबंधों में तनाव बना रहेगा.


कोट्स ने पाकिस्तान पर बोलते हुुए कहा कि उसे 'कुछ समूहों का नीतिगत तौर पर इस्तेमाल कर आतंकवाद निरोधक सहयोग के प्रति संकीर्ण रवैया दिखाना और केवल उन आतंकवादी समूहों से निपटना जिससे पाकिस्तान को सीधे तौर पर खतरा हो, निश्चित तौर पर तालिबान के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अमेरिकी प्रयासों को भी चौपट कर देगा.'

कोट्स ने खुफिया मुद्दों पर संसद (सीनेट) की प्रवर समिति के सदस्यों को बताया, 'पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह भारत और अफगानिस्तान के अलावा अमेरिकी हितों के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और अंजाम देने के लिए पाकिस्तान में अपने पनाहगाहों का फायदा उठाना जारी रखेंगे.'

कोट्स और अन्य अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के प्रमुख विश्वव्यापी खतरे पर आकलन को लेकर खुफिया पर सीनेट की प्रवर समिति के समक्ष पेश हुए, जिस दौरान उन्होंने यह रिपोर्ट पेश की.

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रमों के निरंतर विकास और वृद्धि के चलते दक्षिण एशिया में परमाणु सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं की आशंका बढ़ गई है.

(भाषा से इनपुट)