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ट्रंप के लिये व्हाइट हाउस अभी दूर, रीकाउन्टिंग से बदल सकता है US प्रेसीडेंट

कई सवाल एकसाथ अमेरिका की सियासत में भूचाल ला सकते हैं...

Kinshuk Praval

क्या साइबर हैकिंग के चलते डोनाल्ड ट्रंप बने हैं अमेरिका के उम्मीदवार ? क्या अमेरिका के इतिहास में होने जा रही है सबसे बड़ी घटना ? क्या प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस तक नहीं पहुंच पाएंगे ? क्या बदलने जा रहा है अमेरिका का प्रेसिडेंट ?

कई सवाल एक साथ अमेरिका की सियासत में भूचाल ला सकते हैं, क्योंकि चुनाव के नतीजों की कुछ जगह पुनर्गणना हो सकती है. दरअसल विस्कॉन्सिन से डोनाल्ड ट्रंप 22 हजार वोटों के मामूली से अंतर से हिलेरी क्लिंटन से मुकाबला जीते थे.


वोटिंग में साइबर हैकिंग का शक

जिसके बाद साइबर एक्सपर्ट्स ने विस्कॉन्सिन, मिशिगन और पेन्सिलवेनिया में साइबर हैकिंग का शक जताया. साइबर हैकिंग के जरिये वोटों की गिनती में हेरफेर के आरोप लगाए गए और विस्कॉन्सिन में रिकाउन्टिंग की मांग की गई.विस्कॉन्सिन में रीकाउन्टिंग को लेकर दो याचिकाएं दाखिल की गईं, जिसे विस्कॉन्सिन इलेक्शन बोर्ड ने मंजूर कर लिया. विस्कॉन्सिन इलेक्शन कमीशन ने 13 दिसंबर तक रीकाउन्टिंग का काम पूरा करने की डेडलाइन रखी है.

दरअसल ग्रीन पार्टी की कैंडिडेट जिल स्टाइन और रीफॉर्म पार्टी के नॉमिनी रॉक 'रॉकी' डी ला फ्यूंट ने पिटीशन दायर की थी .

याचिकाकर्ता जिल स्टेन का कहना था कि विस्कॉन्सिन में रूसी हैकर्स वोटिंग सिस्टम को हैक कर सकते हैं. इसलिये वोटिंग सिस्टम की विश्वसनीयता के लिये  जांच जरुरी है. लेकिन सिर्फ विस्कॉन्सिन की रीकाउन्टिंग ही नहीं प्रेसीडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप की किस्मत का फैसला करेगी.

मिशिगन और पेन्सिलवेनिया में भी रीकाउन्टिंग ?

याचिकाकर्ता जिल स्टेन पेन्सिलवेनिया और मिशिगन स्टेट्स में भी चुनावी नतीजों को चुनौती देने की तैयारी कर रही हैं.विस्कॉन्सिन, पेन्सिलवेनिया और मिशिगन स्टेट्स हमेशा ही डेमोक्रेट्स के गढ़ रहे हैं. लेकिन इन स्टेट्स के फैसलों ने हिलेरी क्लिंटन को अप्रत्याशित हार दे दी. यही स्टेट्स अमेरिकी प्रेसीडेंट इलेक्शन के टर्निंग प्वाइंट भी साबित हुए. इन तीनों स्टेट्स के कुल 46 इलेक्टोरल वोट डोनॉल्ड ट्रंप को मिले.

जिल स्टाइन और रॉक रॉकी डी ला फ्यूंट ट्रंप और हिलेरी के अलावा दूसरे उम्मीदवार थे, जिनको इन तीनों ही स्टेट्स में कम वोट मिले. अगर तीनों ही स्टेटस में दोबारा रीकाउन्टिंग होती है और नतीजे बदलते हैं तो सारे वोट हिलेरी क्लिंटन को फिर अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से नहीं रोक सकते.

दरअसल पॉपुलर वोट के मुताबिक अगर तीनों राज्यों के 46 इलेक्टोरल वोट हिलेरी क्लिंटन को मिल जाते हैं तो उनके वोट 278 हो जाएंगे जबकि ट्रंप के वोट घटकर 244 रह जाएंगे. जीत के लिये 270 वोटों की जरुरत होती है. चुनाव के फाइनल नतीजों के मुताबिक ट्रंप को इलेक्टोरल कॉलेज के 290 वोट मिले हैं जबकि हिलेरी को 232 वोट मिले थे.

ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या अमेरिकी प्रेसीडेंट के इलेक्शन में रूस की साइबर टीम की नजर थी ?आखिर क्या वजह रही कि साइबर एक्सपर्ट्स ने हिलेरी क्लिंटन को इन तीनों राज्यों में रीकाउन्टिंग कराने की सलाह दी है. बहरहाल इंतजार अब रीकाउन्टिंग का है, जिसके नतीजे अमेरिका में सबसे बड़ा उलटफेर कर सकते हैं क्योंकि यही है लोकतंत्र की माया. एक बार फिर दुनिया की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव पर है क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है.

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