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UN महासभा में ट्रंप: नॉर्थ कोरिया और ईरान के खिलाफ उठाएंगे आवाज

सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सत्ता में आने के बाद से ही हर मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने वाले ट्रंप अपने भाषण में किन मुद्दों को उठाएंगे.

FP Staff

संयुक्त राष्ट्र महासभा हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि पहुंचे हुए हैं. इस वक्त ग्लोबल स्तर पर रोहिंग्या, नॉर्थ कोरिया और आतंकवाद के मुद्दे अहम बने हुए हैं.

लेकिन सबसे मुख्य आकर्षण इस असेंबली में अमेरिकी राष्ट्रपति का भाषण होगा. डोनाल्ड ट्रंप की ये पहली यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली है. सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सत्ता में आने के बाद से ही हर मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने वाले ट्रंप अपने भाषण में किन मुद्दों को उठाएंगे.


-अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, ट्रंप नॉर्थ कोरिया का मुद्दा बड़े जोरों-शोरों से उठाएंगे. ट्रंप की नॉर्थ कोरिया पर त्वरित और कड़ी प्रक्रियाओं ने जता दिया है कि नॉर्थ कोरिया उनकी टॉप प्रायोरिटी में है. ट्रंप दूसरे देशों को नॉर्थ कोरिया के परमाणु मिशन पर रोक लगाने के लिए एकजुट होने का आह्वान कर सकते हैं.

-ट्रंप नॉर्थ कोरिया पर अपना संदेश पहले ही विश्व के नेताओं तक पहुंचाते रहे हैं. नॉर्थ कोरिया के एक के बाद एक मिसाइलों के परीक्षण कर रहा है, ऐसे में ट्रंप यूनाइटेड नेशन्स के जरिए मिले इस मौके को नॉर्थ कोरिया के खिलाफ मदद इकट्ठा करने में लगाएंगे. वो चाहेंगे कि नॉर्थ कोरिया के खिलाफ लड़ाई में यूनाइटेड नेशन्स और उनके एशियन दोस्त उनके साथ आएं.

-वाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि ट्रंप अपने भाषण में अस्थिर, शत्रुतापूर्ण और खतरनाक व्यवहार के लिए नॉर्थ कोरिया को बाकी दुनिया से अलग-थलग करने की कोशिश करेंगे.

-वाइट हाउस के अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी है कि ट्रंप ईरान के न्यूक्लियर मिशन पर भी निशाना साधेंगे. वेनेजुएला भी उनकी लिस्ट में शामिल होगा. साथ ही वो इस्लामिक आतंकवाद पर भी ट्रंप टिप्पणी करेंगे.

-ट्रंप महासभा में ईरान के बैलिस्टिक परीक्षणों और सीरिया में हस्तक्षेप को लेकर आपत्ति जता सकते हैं. ट्रंप का मानना है कि ईरान अपने परमाणु परीक्षणों से उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ हुए 2015 में समझौते की भावना का उल्लंघन कर रहा है.

-एक अधिकारी ने कहा कि सारे राष्ट्र इन सारी घटनाओं पर आंख मूंदे नहीं रह सकते. अगर इन्हें आज नहीं रोका गया, तो ये आगे और भी खतरनाक हो जाएंगे.

-ट्रंप वेनेजुएला को पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर वो सत्तावादी शासन की ओर बढ़ा तो अमेरिका बड़े कदम उठा सकता है.

-ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की नीति पर भी बात करेंगे. ट्रंप इस मुद्दे पर ये तर्क पेश कर सकते हैं कि अमेरिका फर्स्ट का राष्ट्रवादी सिद्धांत अतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बाधा नहीं, बल्कि एक तर्कसंगत आधार है, जिसके तहत कोई भी राष्ट्र अपने हितों को नजरअंदाज न करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग देता है.

-इसके अलावा ट्रंप यूनाइटेड नेशन्स से अमेरिका में निवेश बढ़ाने की भी मांग कर सकते हैं, इसके पीछे उनका तर्क ये होगा कि अमेरिका इस संगठन में सबसे ज्यादा पैसे लगाता है.