पाकिस्तान में शुक्रवार को दो अलग-अलग चुनावी रैलियों पर हुए आत्मघाती हमले में एक उम्मीदवार समेत कम से कम 133 की मौत हो गई है. इस डबल अटैक में 200 से ज्यादा लोगों के भी घायल होने की खबर है.
पहली घटना में आतंकवादियों ने बलूचिस्तान प्रांत के मासतुंग क्षेत्र में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता सिराज रायसानी की रैली को निशाना बनाया.
जिला पुलिस अधिकारी मोहम्मद अयूब अचकजई ने कहा, ‘धमाके में रायसानी घायल हो गए थे. उन्हें फौरन क्वेटा ले जाया जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.’
सिराज रायसीनी बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रायसानी के भाई हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जिसमें 128 लोग मारे गए. आतंकी संगठन ने दावे की घोषणा अपनी अमाक संवाद समिति के जरिए की.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में रायसानी सहित कम से कम 128 लोग मारे गए और 125 से अधिक अन्य घायल हो गए.
स्थानीय मीडिया ने मृतकों की संख्या प्रांत के गृह मंत्री आगा उमर बांगलजई के हवाले से दी.
बलूचिस्तान के कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री फैज काकर ने बताया, ‘शुरुआत में मृतकों की संख्या अधिक नहीं थी लेकिन रायसानी समेत गंभीर रूप से घायल लोगों की अस्पताल में मौत हो गई.’ उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है क्योंकि विस्फोट में 125 अन्य लोग घायल हुए हैं.
बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है यह एक आत्मघाती हमला था। उन्होंने बताया कि हमले में लगभग 16-20 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
इस घटना के बाद क्वेटा के अस्पतालों में इमरजेंसी स्थिति घोषित कर दी गई.
दूसरा सुसाइड अटैक खैबर पख्तूनवा के बन्नू इलाके में हुआ
वहीं दूसरी घटना में शुक्रवार को ही खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू इलाके में मुत्ताहिदा मजलिस अमाल नेता अकरम खान दुर्रानी की रैली में विस्फोट हुआ. पुलिस के अनुसार इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई जबकि 37 अन्य घायल हो गए.
इस हमले में दुर्रानी बाल-बाल बच गए लेकिन उनको ले जा रही गाड़ी के परखच्चे उड़ गए.
दुर्रानी 25 जुलाई को देश में होने वाले आम चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ मैदान में हैं. उन्होंने कहा कि धमकियों के बाद भी वो अपना चुनाव प्रचार जारी रखेंगे.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और कार्यवाहक प्रधानमंत्री नसीरूल मुल्क ने इन आत्मघाती हमलों की निंदा की है. अमेरिका ने चुनावी रैलियों में उम्मीदवारों को निशाना बनाए जाने की कड़ी आलोचना की है.
(भाषा से इनपुट)