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मलेशिया के स्कूल में भीषण आग, 22 बच्चों की मौत

आशंका है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट या फिर मच्छर मारने के मशीन की वजह से लगी

Bhasha

मलेशिया के कुआलालंपुर के एक धार्मिक स्कूल में आग लगने से गुरुवार को 24 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं. बच्चों के रहने के कमरों में आग फैल गई जिसकी खिड़कियों पर लोहे के ग्रिल लगे थे.

लपटों से फंसे छात्र और शिक्षक इस्लामिक अध्ययन केंद्र में फंस गए. वे मदद के लिए चिल्ला रहे थे लेकिन असहाय पड़ोसी उन्हें देखने के अलावा कुछ नहीं कर पाए.


तड़के लगी इस आग में मरने वाले 22 बच्चों की उम्र 13 से 17 साल के बीच थी. उनके शव एक के ऊपर एक गिरे मिले, जिससे इस बात का संकेत मिलता है कि वहां भगदड़ मची होगी और छात्रों ने आग से बचने की कोशिश की होगी.

दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर एक घंटे में ही आग पर काबू पा लिया लेकिन तब तक आग ने कई जिंदगियां लील लीं. स्थानीय मीडिया ने छात्रों के कमरे की राख से पटी तस्वीरें और जल चुके बिस्तरों की तस्वीर दिखाई.

स्कूल के सामने रहने वाली 46 वर्षीय नोरहायती अब्दुल हलीम ने कहा, 'जब अजान की आवाज आ रही थी तब इमारत से आग की लपटें उठ रही थीं.' उन्होंने कहा, 'मैं चीखें सुन सकती था. मैंने सोचा लोग झगड़ा कर रहे हैं. मैंने अपने घर की खिड़की खोली तो मैंने देखा कि कि स्कूल में आग लगी है. वो मदद के लिए चिल्ला रहे थे लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती थी.'

उन्होंने कहा कि जब तक दमकलकर्मी शहर के बीचों-बीच बने दारूल कुरान इत्तेफाकियाह धार्मिक स्कूल पहुंचे, चीखें बंद हो चुकी थीं. संघीय क्षेत्र मंत्री तेंगकु अदनान तेंगकु मंसूर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'बच्चे लपटों में घिरे स्कूल से बाहर निकलने की हर संभव कोशिश कर रहे थे. वहां लगी खिड़कियों पर लोहे की ग्रिल के कारण वे इमारत से बाहर नहीं निकल पाए.'

अधिकारियों ने कहा कि वह कमरे से बाहर निकलने के एकमात्र रास्ते से बाहर नहीं निकल पाए क्योंकि वह आग की लपटों में घिरा हुआ था.

20 सालों में सबसे बड़ी आग

फायर ब्रिगेड और बचाव विभाग के डायरेक्टर खीरुदीन द्रहमान ने ‘एएफपी’ से कहा कि पिछले 20 वर्षों में देश में हुई आगजनी की यह सबसे भीषण घटना है. दमकल कर्मियों ने कहा कि उन्हें आशंका है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट या फिर मच्छर मारने के मशीन की वजह से लगी.

अधिकारियों ने शुरुआत में 23 छात्रों और दो शिक्षकों के मारे जाने की बात कही थी. पुलिस ने बाद में आंकड़ों में परिवर्तन करते हुए 22 छात्रों और दो शिक्षकों के मारे जाने की पुष्टि की.

छह अन्य छात्र अस्पताल में भर्ती हैं जिनकी हालत गंभीर है. कुछ लोग इस भीषण हादसे में सुरक्षित बच निकले. संघीय क्षेत्र मंत्री तेंगकु अदनान ने बताया कि धार्मिक स्कूल को चलाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से लाइसेंस नहीं लिया गया था.