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साल 2000 से ही अमेरिकी राष्ट्रपतियों के निशाने पर रहा है OPEC, क्या है ट्रंप की नीति

ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि सऊदी अरब 20 लाख बैरल तेल का उत्पादन करने के लिए राजी हो गया है

FP Staff

यूएस, ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज(ओपीईसी) का सदस्य नहीं है. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ने सऊदी अरब पर तेल के उत्पादन से जुड़ी नीतियों को संभालने और कीमतों को कम करने के लिए दबाव बनाया है. उन्होंने ट्वीट किया था कि तेल की कीमतें बहुत ज्यादा हैं, यह अच्छा नहीं है.

अमेरिका में बढ़ती तेल की कीमतों की वजह से ट्रंप ने ट्वीट किया था. इस साल अमेरिका कीमतों में औसतन 13 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. 2014 से अप्रैल में पहली बार 3 डॉलर गैलन बढ़े थे. पिछले हफ्ते यूएस में तेल के दाम 8 फीसदी बढ़ गए थे. इस मामले में ट्रंप ने 2011 से अब तक 63 बार ट्वीट किया है जबकि उन्हें ओपीईसी का मुख्य आलोचक माना जाता है.

ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि सऊदी अरब 20 लाख बैरल तेल का उत्पादन करने के लिए राजी हो गया है. इससे वेनेज़ुएला और ईरान की कमी को पूरा किया जा सकेगा.

ओपीईसी 1970 से ही अमेरिकी नेताओं के निशाने पर रहा है. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के भी ओपीईसी के साथ मतभेद रहे हैं. बिल क्लिंटन के कार्यकाल में उनके सचिव बिल रिचर्डसन ने साल 2000 में सऊदी के तेल मंत्री को फोन करके तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा था.