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किम जोंग ना-ना करते-करते क्यों डोनाल्ड ट्रंप से मिलने को उतावले हुए?

ट्रंप के ओवल ऑफिस में मिलने की सारी योजना बनी जहां दक्षिण कोरिया के सुरक्षा सलाहकार चुंग इउई-योंग की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था

FP Staff

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल मई में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से मिल सकते हैं. दक्षिण कोरिया ने इसकी पुष्टि की है. वहीं व्हाइट हाउस का कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात होनी है लेकिन ‘वक्त और जगह तय होना बाकी है.’

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग इउई-योंग ने इसकी घोषणा की है. अपने बयान में चुंग ने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता ने ‘जितनी जल्दी हो सके, राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने की इच्छा जताई है.’


दक्षिण कोरिया की कामयाब योजना

ट्रंप और किम जोंग की मुलाकात होती है तो यह एक ऐतिहासिक घटना होगी. ऐसा क्या हुआ जो वर्षों से दोनों देशों में चली आ रही तनातनी अब दोस्ती की नई इबारत लिखने जा रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो ट्रंप के ओवल ऑफिस में इसकी सारी योजना बनी जहां दक्षिण कोरिया के सुरक्षा सलाहकार चुंग इउई-योंग की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था. योंग व्हाइट हाउस में एक न्योते पर गए थे. इस कार्यक्रम की यह कूटनीतिक जीत ही कहेंगे जो उत्तर कोरियाई नेता और ट्रंप ने एक-दूसरे से मिलने की इच्छा जताई है.

इसपर योंग ने ट्रंप को बधाई दी और कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और उसके मित्र देशों को पुरानी गलती नहीं दोहरानी चाहिए. उन्होंने कहा, दक्षिण कोरिया मानता है कि जब किम जोंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा जताई तो इससे साफ है कि वे काफी स्पष्ट और ईमानदार व्यक्ति हैं.

सुरक्षा सलाहकार ने दी हिदायत

ट्रंप के सलाहकारों को लग रहा था कि मिलने से पहले ट्रंप सोचने के लिए कुछ समय लेंगे लेकिन अचानक मिलने की योजना बन गई. अमेरिका के रक्षा सचिव जिम मैटिस और लेफ्ट. एचआर मैकमास्टर, राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार ने इस पर सावधानी बरतने की सलाह दी थी. इन लोगों ने कहा बताते हैं कि अगर ट्रंप इस मामले में आगे बढ़ते हैं तो रिस्क झेलना पड़ सकता है.

डीलमेकर बनकर उभरे ट्रंप?

जिस योजना में बड़े-बड़े लोग कुछ संदिग्ध देख रहे थे, उसमें ट्रंप अब काफी आगे बढ़ गए हैं. महज 45 मिनट में उन्होंने सारी आशंकाओं को दूर कर किम जोंग से मिलने का रास्ता तैयार कर दिया. दोनों फायरब्रांड नेताओं के मिलने की यह ऐतिहासिक योजना कैसे बनी, इसको लेकर अमेरिका, दक्षिण कोरिया,

जापान और चीन के अधिकारियों के इंटरव्यू पब्लिक डोमेन में चल रहे हैं. जानकार अब भी मान रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच बैठक नहीं हो पाएगी लेकिन ट्रंप ने मिलने भर की खबर को ही एक बहुत बड़ी जीत मान ली है. वे अब इसे भुना भी सकते हैं यह कहते हुए कि अबतक जो नहीं हुआ, उसे वे करने जा रहे हैं.