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G-20 समिट में मिले ट्रंप-जिनपिंग, 1 जनवरी से नहीं लगेगा नया टैरिफ

अमेरिका के साथ गहराते ट्रेड वॉर के बीच चीनी राष्ट्रपति ने इस मुलाकात में टैरिफ दरों का मुद्दा सामने रखा, दोनों नेताओं के बीच करीब ढाई घंटे तक बातचीत हुई

FP Staff

अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में जारी G-20 समिट में बीते शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. अमेरिका के साथ गहराते ट्रेड वॉर के बीच चीनी राष्ट्रपति ने इस मुलाकात में टैरिफ दरों का मुद्दा सामने रखा. दोनों नेताओं के बीच करीब ढाई घंटे तक बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने ये फैसला लिया कि 1 जनवरी से कोई नया टैरिफ नहीं लगाया जाएगा.

साल की शुरुआत से ही दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो गया था


बता दें कि इस साल की शुरुआत से ही दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू होने की खबरें आने लगी थीं. उसके बाद ये पहला मौका है, जब दोनों नेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात की. चीन के सरकारी अखबार और इंटरनेशनल ब्रॉडकास्टर CGTN ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग 1 जनवरी के बाद से कोई टैरिफ नहीं लगाने पर सहमत हो गए हैं.

चीन ने मांगें नहीं मानी, तो वह दबाव को और बढ़ा देंगे

ट्रंप के सलाहकार लैरी कुडलोउ ने इस मुलाकात को बहुत अच्छा बताया है. हालांकि उन्होंने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐलान किया था कि ट्रेड वॉर को लेकर चीन के पास अमेरिका की बात मानने के लिए जी-20 समिट तक का समय है. उन्होंने कहा है कि अगर चीन ने मांगें नहीं मानी, तो वह दबाव को और बढ़ा देंगे. ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ मुलाकात के बाद बीते शुक्रवार को चीन के साथ समझौते के बारे में कहा था, हम काफी मेहनत कर रहे हैं. अगर हम कोई सौदा कर सके तो यह अच्छा होगा. मुझे लगता है कि वह ऐसा चाहते हैं. देखते हैं क्या होता है.

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि के संकेत दिए 

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जारी ट्रेड वॉर के बीच खुद को ग्लोबल कैपिटल के सेफगार्ड के तौर पर पेश कर रहे हैं. जिनपिंग ने अन्य जी-20 नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती से मुक्त व्यापार को बनाए रखना चाहिए. उन्होंने चीन के बाजार को और खुला करने का भी वादा किया. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जून में चीन के अरबों डॉलर के आयात पर शुल्क लगाने का ऐलान करते हुए ट्रेड वॉर की शुरुआत की थी. अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि के संकेत भी दिए हैं. इससे भी चीन के बाजारों से पूंजी निकासी की आशंका बढ़ गई है.