विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है. यह देशों के विकास में रुकावटें पैदा करता है.
अजरबैजान के बाकू में गुट निरपेक्ष देशों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बगैर इस संस्था में सुधार करने की कोशिश पूरी नहीं होगी. विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद सबसे बड़े खतरों में एक है.
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद हमारे देश के लोगों को अपना शिकार बनाता है और विकास करने की हमारी क्षमता को कमजोर कर देता है. बैठक की अध्यक्षता वेनेजुएला के विदेश मंत्री जार्ज एरीयजा ने की.
सुषमा ने कहा कि 1996 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक समझौते (सीसीआईटी) का प्रस्ताव दिया था, ताकि मौजूदा कानूनी ढांचे को मजबूत किया जा सके. दो दशक बाद भी यह चर्चा काफी आगे नहीं बढ़ी है जबकि आतंकवादियों ने अपनी हरकतें जारी रखी हैं.
सुषमा ने कहा कि सबसे पहले हमें सीसीआईटी को अंतिम रूप देना चाहिए. गुट निरपेक्ष देशों को इसके लिए आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की आखिरी उच्च स्तरीय बैठक में इस वैश्विक संस्था में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मजबूत इच्छा जाहिर की थी.