विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से सीधे कहा है कि वह राष्ट्रनीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करे. संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान को सभी देशों के सामने कटघरे में खड़ा किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा, ‘विदेश मंत्री के साथ हुई लगभग सभी बहुपक्षीय बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का जिक्र जरूर किया जा रहा है.'
बंद होना चाहिए आतंकवादियों का पोषण
उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री आतंकवाद को अभिशाप बताते हुए कहा कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए. अनुरोध किया कि आतंकवाद का पोषण करने वाली पारिस्थितिकी का अंत होना चाहिए.’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि पाकिस्तान और दक्षेस के अन्य सदस्यों की इस पर क्या प्रतिक्रिया रही.
संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए फिलहाल न्यूयॉर्क में मौजूद सुषमा ने ब्रिक्स, इबसा, दक्षेस और इंडिया-सीईएलएसी सहित अन्य समूहों के नेताओं के साथ बहुपक्षीय बैठकें कीं.
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) पांच सदस्यीय समूह है, इबसा (भारत, ब्राजील और दक्षिण एशिया) तीन सदस्यीय ब्लॉक है और ईसीईएलएसी कम्युनिटी ऑफ लैटिन अमेरिकन एंड कैरेबियन स्टेट है.
स्पष्ट संकेत है यह पाकिस्तान के खिलाफ
रवीश कुमार ने कहा, ‘विदेश मंत्री ने अन्य देशों की मदद से गतिविधयां चला रहे आतंकवादी समूहों पर जोरदार हमला बोला. वास्तव में यह पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संकेत है कि उसे राष्ट्र की नीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि सुषमा ने आतंकवादी नेटवर्कों और आतंकवादियों को वित्त पोषण बंद करने का भी आह्वान किया.
त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होने के साथ-साथ सुषमा ने कजाख्स्तान और अर्जेंटीना के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. देर शाम वह राष्ट्रमंडल मंत्रिमंडलीय कार्य समूह की ओर से आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हुई.